Bundi बच्चे शिक्षा की राह में डेढ़ किलोमीटर जंगल पार कर जा रहे
बूंदी न्यूज़ डेस्क, बूंदी जिले कीे गरडदा पंचायत के नलदेह गांव में विद्यालय नहीं होने से डेढ किलोमीटर दूर जंगल पार कर केवडिया उच्च प्राथमिक विद्यालय में जाना पड़ता है। इस दौरान बच्चों को रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व क्षेत्र भी पार करना पड़ रहा है। वहीं बच्चों को बीच में एनिकट के ऊपर से गुजरना पड़ता है। नलदेह से तीन दर्जन के लगभग छात्र छात्राएं प्रतिदिन केवड़िय़ा पढ़ाई के लिए जाते है। जानकारी के अनुसार केवडिया गांव का मजरा नलदेह में प्रशासन ने गांव में विद्यालय खोलने की प्रक्रिया शुरू नहीं की, जिसके चलते रोज नलदेह गांव से शिक्षा पाने के लिए बच्चे नदी व जंगल पार कर कर पढ़ने आते है, जिससे हमेशा बच्चों को परिजनों को दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है।
वर्तमान में यहां से केवड़िया 38 बच्चे कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई करने के लिए प्रतिदिन आते हैं। अगर यहां स्कूल खुले तो 60 से 70 बच्चे का नामांकन हो सकता है। कहीं परिजन तो अपने बच्चों को दुर्घटना के डर से ही विद्यालय में पढ़ने के लिए नहीं भेजते हैं। मजरा नलदेह गांव के 30 से 35 घरों में करीब डेढ़ सौ महिला पुरुष निवास करते है। इनमें सबसे अधिक आदिवासी लोग भील जाति के लोग निवास करते हैं, जिनके शिक्षा के लिए सरकार ने कई तरह की योजना चला कर शिक्षा के लिए प्रेरित कर रही, लेकिन नलदेह गांव में शिक्षा के लिए कोई ठोस कम नहीं उठाए हैं।
राजस्व गांव में दर्ज नहीं
नलदेह गांव राजस्व रिकॉर्ड में नहीं है, जिसके चलते यहां लोगों को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है। गांव के देवीलाल, रामलाल कालू, लाल भील ने बताया कि गांव को राजस्व रिकॉर्ड में लेने के लिए कई बार जिला प्रशासन से मांग कर चुके हैं, जिसके चलते हमारे को कहीं सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। कई बार नलदेह में स्कूल खोलने की मांग कर चुके हैं। नलदेह के बच्चे केवडिया पढ़ने आते हैं, जिससे बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ा हैं। गांव में स्कूल खूले तो और नामांकन बढ़ सकता है।