Bundi पहेली बन कर रह गई गुरुकुल में दो छात्रों की मौत
गुरुकुल प्रबंधन से जुड़े सीताराम पंचोली सभी घायलों को नैनवां अस्पताल लेकर गए थे। बाद में उन्हें कोटा एमबीएस अस्पताल के बर्न वार्ड में भर्ती करवाया गया। उपचार के दौरान शिवशंकर व रितेश की मौत हो गई। घटना के बाद से कई दिनों तक परिजनों व ग्रामीणों ने मामले की जांच व दो दोषियों को सजा दिलवाए जाने के लिए स्थानीय प्रशासन से लेकर लोकसभा अध्यक्ष तक को ज्ञापन भी सौंपे। यहां तक की लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बूंदी में मृतक के घर जाकर सांत्वना भी दी थी। मामले में 45 दिन गुजरने के बाद भी आरोप तय नहीं होने पर परिजनों का गुस्सा फुट पड़ा था।
घटना के दौरान रात्रि करीब 12 बजे उसे रितेश के आग से जलने की फोटो भेजी गई थी। इसमें वह मात्र दस प्रतिशत जला हुआ था। इर दौरान वह मात्र सीने, गर्दन के पास व हाथ पर ही जला हुआ था, लेकिन देर रात्रि तीन बजे जानकारी करने पर पता की वह 70 प्रतिशत से अधिक जला हुआ है, जो संभव नहीं है। जांच अधिकारी इस मामले में गंभीरता नहीं बरत रही है। कुछ सवालों के अब भी पुलिस व जांच अधिकारियों के पास नहीं है। ऐसे में धरना प्रदर्शन करना पड़ा।
लोकेश शर्मा, मृतक छात्र रितेश के पिता
पूर्व में की गई पुलिस जांच से वह संतुष्ट नहीं है। घटना के दोषी अब तक सामने नहीं आए है। पुलिस इस घटना को अकस्मात घटना बता रही है, जो मानने में नहीं आ रहा है। जब देर रात्रि को घटना हो गई थी तो देई पुलिस को सूचना करीब सवा आठ बजे इतनी देरी से क्यों मिली।