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Bundi तीन चिकित्सकों के भरोसे चल रहा सौ बेड का चिकित्सालय

 
Bundi तीन चिकित्सकों के भरोसे चल रहा सौ बेड का चिकित्सालय

बूंदी न्यूज़ डेस्क,  चिकित्सकों के पद स्वीकृत 28, कागजों में नियुक्त सात जिनमें से दो विशेषज्ञ चिकित्सक अवकाश लिए बिना ही चार माह से नदारद चल रहे तो दो चिकित्सक अन्य पदों पर लगा रखे है। सौ बेड का नैनवां का उपजिला चिकित्सालय तीन चिकित्सकों के भरोसे ही चल रहा है। सरकार ने उपजिला चिकित्सालय वरिष्ठ व कनिष्ठ विशेषज्ञ सहित 28 चिकित्सकों के पद स्वीकृत कर रखे है। जबकि चिकित्सालय में उपचार व्यवस्था तीन चिकित्सकों के भरोसे चल रही है। चिकित्सकों की कमी की स्थिति यह बनी हुई है कि चिकित्सा विभाग ने कागजों में तो वर्तमान में सात चिकित्सक नियुक्त कर रखे है, जिनमें से दो विशेषज्ञ चार माह पहले अवकाश पर गए, जो वापस नहीं आ रहे तो दो चिकित्साधिकारियों को अन्य पदों लगा रखा है, जिससे चिकित्सालय में मात्र तीन ही चिकित्सकों के भरोसे ही चल रहा है। उप जिला चिकित्सालय में क्रमोन्नत तो कर दिया, जबकि चिकित्सक नियुक्त नहीं किए जा रहे। चिकित्सालय का दर्जा बढ़ा लेकिन सुविधाओं का विस्तार नहीं हो पाया। विशेषज्ञ चिकित्सकों के सभी पद रिक्त पड़े है। शिशु रोग विशेषज्ञ के पद पर नियुक्त डॉ. दीक्षा 12 जुलाई से तो नेत्र विशेषज्ञ डॉ. अंजलि मीणा 20 जुलाई से ही बिना अवकाश स्वीकृति के ही नदारद चल रहे है। चिकित्सालय में नियुक्त दन्त रोग विशेषज्ञ डॉ. कृष्णकुमार प्रजापत को पीएमओ तो वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. एलपी नागर को बीसीएमओ नियुक्त कर दिए जाने से चिकित्सकों की कमी और बढ़ गई। उपजिला चिकित्सालय में उपचार की सुविधा के लिए चिकित्सा विभाग ने सर्जरी, अस्थि रोग (ऑर्थोपेडिक), नाक-कान-गला व शिशुरोग के अलग से ओपीडी कक्ष स्थापित हो रहे है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव सभी ओपीडी कक्षों के ताले पड़े है।

बूंदी जिला मुख्यालय के बाद जिले में सौ बेड वाले सबसे बड़ा चिकित्सालय है। उपजिला चिकित्सालय बन जाने के बाद भी चिकित्सालय में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जैसी ही बनी हुई है। उपजिला चिकित्सालय बना तो उम्मीद जगी थी कि अब उपचार के लिए नैनवां क्षेत्र के लोगों को विशेषज्ञ चिकित्सकों की सुविधा मिलना शुरू हो जाएगी, लेकिन चिकित्सा सुविधा में विस्तार की उम्मीद सिर्फ सपना ही बनकर रह गई। चिकित्सालय में वरिष्ठ विशेषज्ञ व कनिष्ठ विशेषज्ञ के 11 पद स्वीकृत है। इनमें से दन्त विशेषज्ञ ही नियुक्त है। बाकी सभी दस विशेषज्ञों के पद रिक्त पड़े है। चिकित्सालय में मेडिसन व सर्जरी के वरिष्ठ विशेषज्ञों, नेत्र, ईएनटी, ऑर्थोपेडिक, रेडियोलॉजिस्ट, निश्चेतन, दन्त मेडिसन व सर्जरी सहित 9 कनिष्ठ विशेषज्ञ के पद स्वीकृत है। सभी कनिष्ठ विशेषज्ञों के पद रिक्त पड़े है,जिससे उपजिला चिकित्सालय भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की तरह सामान्य चिकित्साधिकारियों के भरोसे ही चल रहा है।

ट्रोमा सेंटर चिकित्सक विहीन

दो हाइवे एनएच 148 डी व स्टेट हाइवे 34 पर दुर्घटनाग्रस्त होने वालों के उपचार के स्थापित नैनवां में स्थित ट्रोमा सेंटर में तो एक भी चिकित्सक नियुक्त नहीं है। ट्रोमा सेंटर पर चिकित्सकों के 6 पद स्वीकृत है, जिनमें कनिष्ठ विशेषज्ञ सर्जरी का एक पद, चिकित्साधिकारी सर्जरी के दो व ऑर्थोपेडिक के तीन पद स्वीकृत है। इनमें से एक भी चिकित्सक नियुक्त नहीं होने से सेंटर चिकित्सक विहीन बना हुआ। विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं होने से घायलों को उपचार नहीं मिलने से रेफर होना पड़ रहा है।