Rajasthan Breaking News: राजस्थान के बूंदी जिले में पकड़ी गई राजस्थान निर्मित बिना होल मार्क की शराब, पुलिस जांच में आबाकारी विभाग पर उठे सवाल
बूंदी न्यूज डेस्क। राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि राजस्थान में ही राजस्थान निर्मित देशी शराब की तस्करी का मामला सामने आया है। बड़ी बात यह है कि आजकल आबकारी विभाग द्वारा प्रदेश में सप्लाई की जाने वाली शराब के हर पव्वे-बोतल पर होलोग्राम लगा होता है, लेकिन बूंदी के तालेड़ा में पुलिस ने जो गाड़ी पकड़ी शराब पर होलोग्राम नहीं है। इस मामले की पुलिस जांच में जुटी है, लेकिन आबकारी विभाग पर इसे लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
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बता दे कि 17 अगस्त की शाम को बूंदी के तालेड़ा में पुलिस थाने की टीम ने देशी शराब से भरी एक पिकअप को पकड़ा है। यह पिक अप कोटा से निकली थी और भीलवाड़ा की तरफ जा रही थी। पुलिस की टीम ने पिक अप को रोका और जांच की तो सब चौंक गए। पिक अप राजस्थान निर्मित.में देशी शराब भरी हुई थी और पिक अप से देशी शराब की राजस्थान स्टेट गंगानगर शुगर मिल की मुहर लगी 190 पेटियां बरामद हुईं। प्रत्येक पेटी में देशी शराब के 48 पव्वे थे और 190 पेटियों से कुल 9120 पव्वे बरामद किए गए। चौंकना इसलिए भी वाजिब था कि राजस्थान निर्मित होने के बावजूद किसी भी पव्वे पर होलोग्राम नहीं था। यानी यह ट्रेस करना मुश्किल है कि इन पव्वों का निर्माण कहां हुआ। बात इसलिए चिंताजनक है कि गंगानगर शुगर मिल निर्मित देशी शराब की इतनी बड़ी खेप बगैर परमिट के ले जाई जा रही थी। जबकि गंगानगर शुगर मिल के गोदामों से जब भी कोई खेप निकलती है तो उसका परमिट जरूर होता है, लेकिन यहां बगैर परमिट के पकड़ी गई देशी शराब की इस खेप से शुगर मिल के अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका सामने आ रही है। पुलिस अपनी जांच में जुटी हुई है, लेकिन इसने आबकारी विभाग के अफसरों के भी कान खड़े कर दिए हैं।
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पुलिस पूछताछ में अभी तक सामने आया है कि गाड़ी लाने वाले दोनों आरोपी केवल कैरियर का काम कर रहे थे। पकड़े गए अभियुक्त सत्यनारायण और जुगराज को कोटा से यह गाड़ी दी गई थी और आगे भीलवाड़ा में डिलीवरी देनी थी। पुलिस इन बिन्दुओं पर जांच में लगी हुई है। इसमें एक आरोपी रवि माहेश्वरी का नाम भी सामने आ रहा है। कुलमिलाकर आने वाले दिनों में पुलिस की जांच में यह खुलासा होने की उम्मीद है कि गंगानगर शुगर मिल निर्मित मदिरा का अवैध परिवहन क्यों हो रहा था। जरूरत इस बात की भी है कि आबकारी विभाग भी अपनी इस गड़बड़ी पर पर्दा डालने के बजाय यह जांच करे कि गंगानगर शुगर मिल की बनी देशी शराब बगैर होलोग्राम के आखिर क्यों निकली ? यदि इसमें आबकारी विभाग और गंगानगर शुगर मिल के अधिकारियों की मिलीभगत है तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई भी की जानी चाहिए।