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Bundi कनिष्ठ लिपिक ने प्रधानमंत्री योजना में लगाई लाखों की सेंध, पांच किश्तें उठाई

 
Bundi कनिष्ठ लिपिक ने प्रधानमंत्री योजना में लगाई लाखों की सेंध, पांच किश्तें उठाई 

बूंदी न्यूज़ डेस्क, बूंदी तहसील में कार्यरत कर्मचारी व उनके परिवार के भूमिहीन सदस्य भी प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को मिलने वाली राशि की वसूली करते रहे हैं. तहसील कार्यालय में कार्यरत कनिष्ठ सहायक विकासकुमार नागर ने अब तक पांच किस्तें निकाल ली हैं। मामला सामने आने पर विकास कुमार ने भी पांच किश्तों में जुटाई गई दस हजार की राशि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के माध्यम से सोमवार को वापस प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना में जमा कराकर मामले की पुष्टि की. राजलावता गांव निवासी विकास कुमार ही तहसील कार्यालय में कार्यरत हैं, जिन्होंने सरकारी कर्मचारी होते हुए भी अपना नाम प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना की सूची में जोड़ लिया. इतना ही नहीं उनके परिवार के दो सदस्यों का नाम भी लाभार्थियों की सूची में जुड़ा पाया गया है. परिवार के एक सदस्य ने पांच और दूसरे सदस्य ने छह किश्तें ली हैं।

राजलवता गांव निवासी रामधन नगर सरकारी कर्मचारी होते हुए भी सूचना के अधिकार के तहत नैनवा तहसीलदार से सम्मान निधि योजना में अपने व अपने परिवार के कुछ लोगों के नाम देखकर प्रधान हितग्राहियों की प्रमाणित सूची राजलावता ग्राम की मंत्री सम्मान निधि योजना अगस्त से नवम्बर तक। अवधि के दौरान सम्मान निधि राशि प्राप्त करने वालों की प्रमाणित प्रतियों के बारे में पूछे जाने पर तहसील कार्यालय ने सूचियां उपलब्ध कराने के बजाय 31 अक्टूबर को जवाब दिया कि पीएम किसान पोर्टल पर ऑनलाइन रहकर किसी भी ई-मित्र कियोस्क से प्राप्त किया जा सकता है. . इसके बाद रामधन ने ई-मित्र से सूची निकलवाई, जिसमें तहसील कर्मचारी व उसके परिवार के दो सदस्यों का नाम भी हितग्राहियों में शामिल था. रामधन ने 17 नवंबर को जिलाधिकारी बूंदी को सूची सहित ज्ञापन भेजा था, लेकिन कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी. प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के तहत पात्र किसानों को साल में दो-दो हजार रुपये की तीन किस्तें मिलती हैं। तहसील के कनिष्ठ सहायक विकास कुमार नागर का कहना है कि उन्होंने पांच किश्तें जुटाई थीं। पांच किश्तों के लिए दस हजार रुपये की राशि जमा करायी गयी है. उनके परिवार के एक अन्य सदस्य ने 6 किश्तों में 12,000 रुपये की राशि जुटाई। दोनों परिवार के सदस्यों द्वारा जुटाई गई राशि भी मंगलवार को एसबीआई बैंक के माध्यम से वापस जमा करा दी गई। प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना में सरकारी कर्मचारी, दस हजार तक पेंशनभोगी, आयकर दाता, भूमिहीन पात्र नहीं हैं। मामला अब सामने आ गया है। तहसील कर्मचारी व उसके परिवार के सदस्यों के नाम जांच कर कार्रवाई की जाएगी।