जमीन के निचे स्थित है Bundi का भीमलत महादेव मंदिर
बूंदी न्यूज़ डेस्क, बूंदी जिले में बिजौलिया रोड़ पर बून्दी से 36 किमी दूर प्राचीन भीमतल महादेव का मंदिर और जलप्रपात स्थित हैं। यह मंदिर जमीन से नीचे स्थित हैं, जहाँ जाने के लिए सीढ़ियों बनी हुई है। यहाँ प्राकृतिक रुप से भोले नाथ का अभिषेक स्वत: ही होता रहता है। कहा जाता है कि महाभारत काल में अज्ञातवास के दौरान इस क्षेत्र मे पांडवों के प्यास लगने पर पीने के पानी का इंतजाम करने के लिए भीम द्वारा अपने पैर को जमीन पर मारने पर जलधारा फूट पड़ी, जो आज भी बह रही है। इस कारण इस स्थान को भीमतल कहा जाता है। तत्पश्चात यहां शिव परिवार की स्थापना की गई।भीमलत के सौन्दर्यीकरण हेतु वर्ष 2012 में पर्यटन विकास के लिए 50 लाख के बजट से भीमलत जल प्रपात के बाहर और झरने के ऊपरी हिस्से पर भी चारों तरफ रैलिंग लगा दी गई, ताकि वहाँँ तक कोई न जा सके और किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके। सीढिय़ों पर पुरानी लोहे की रैलिंग को हटाकर नई रैलिंग लगा दी गई। वहीं सीढिय़ों के रास्ते और मंदिर परिसर में भी बैंच लगाई गई। इनके अतिरिक्त अभयपुरा बांध पर वॉच टावर, नाले के दोनों ओर के साथ नाले के भीतर शिकारबुर्ज, ऊपरी झरने वाले हिस्से पर भी पर्यटक पगडंडी बनवाई गई।सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन की तरफ से बरसात के दिनों में राजस्थान पुलिस होमगार्ड तथा नागरिक सुरक्षा के जवानों को तैनात रहते हैं।
