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Bikaner उप जिला अस्पताल व ट्रोमा सेंटर का काम 10 फीट भराव व बाउंड्रीवाल निर्माण पर संशय के चलते रोका

 
Bikaner उप जिला अस्पताल व ट्रोमा सेंटर का काम 10 फीट भराव व बाउंड्रीवाल निर्माण पर संशय के चलते रोका 

बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर पिछले साल राज्य सरकार ने 18 फरवरी को कस्बे में ट्रॉमा सेंटर और 17 मार्च को उप जिला अस्पताल की घोषणा की। वर्तमान में उप जिला अस्पताल पुराने भवन में चल रहा है और ट्रॉमा सेंटर का मामला पिछले नौ महीने से नींव में दबा हुआ है। सरकार ने जैसे ही कस्बे में यह दो बड़ी घोषणाएं की तो दानदाता भी आगे आए। पालिका प्रशासन ने भी कदम बढ़ाया और एनएच 11 पर झंवर बस स्टैंड के पास सात बीघा आठ बिस्सा जमीन पर दोनों भवन बनाने की स्वीकृति मिली। जमीन पर दो समुदायों का विवाद था, उन दोनों ने भी कस्बेवासियों के हित में अपना अधिकार छोड़ दिया।

पालिका ने इसका पट्टा भी जारी कर दिया। एनएच 11 और स्टेट हाइवे पर स्थित कस्बे में हर साल छोटी-बड़ी 100 से अधिक दुर्घटनाएं होती है। अब तक सैकड़ों लोग घायल हो चुके हैं और हर साल 50 लोग इलाज समय पर नहीं मिलने के कारण, अपनी जान गंवा देते हैं। कस्बे के दो भामाशाह परिवार सोनादेवी-बृजलाल बाहेती और भगवती देवी-मदनलाल चांडक ने 40 करोड़ रुपए की लागत से दोनों भवन बनाने की स्वीकृति दी। 5 अक्टूबर, 2023 को नींव पूजन हुआ। उसके बाद अब तक वहां पर कोई काम नहीं हुआ। भामाशाह परिवार ट्रॉमा सेंटर और उप जिला अस्पताल का भवन बनाने की ही सहमति दे चुका है। वहीं जिस जमीन पर यह निर्माण कार्य होना है, वह सड़क से दस फीट नीचे हैं।

ऐसे में उसमें रेत भरने और उसकी चारदीवारी बनाने का काम करने की स्वीकृति कहीं से नहीं मिली। स्वास्थ्य विभाग ने भी स्थिति स्पष्ट नहीं की। दो से ढाई करोड़ रुपए के काम के चक्कर में 40 करोड़ का निर्माण कार्य नौ महीने से रुका हुआ है। ^ ट्रोमा सेंटर और उपजिला अस्पताल के चारों ओर चारदीवारी बनवाने और उसमें भर्ती भरवाने में करीब दो से ढाई करोड़ का खर्च आएगा। हमने सिर्फ 40 करोड़ की अनुमानित लागत से दोनों भवन के निर्माण की स्वीकृति दी थी। अब सरकार और प्रशासन इसमें सहयोग करेगी तो जल्दी ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। कुछ योगदान सरकार और विभाग का भी होना चाहिए। हरिकिशन बाहेती, भामाशाह परिवार सदस्य

 दोनों भामाशाहों से इस बारे में बात कर ली गई है। भामाशाह को हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है। स्वास्थ्य विभाग को भी इस संबंध में तत्काल कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा। सरकार से भी इसके लिए स्वीकृति ली जाएगी। भामाशाह परिवार के साथ चारदीवारी और भर्ती का कोई एमओयू हुआ नहीं था। सिर्फ दो भवनों का ही हो रखा था। सोमवार को इस संबंध में बीकानेर सीएमएचओ के साथ भामाशाह परिवार की बैठक रखी गई है। उसमें आगे की योजना बनेगी। विभाग के पास जमीन की भर्ती और चारदिवारी को लेकर कोई बजट अभी तक नहीं है