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Bikaner सेवा मंडलों के अनोखे नाम, नाग, भचीड़ उपाड़, टेर, महाआलसी और फुर्तीला

 
Bikaner सेवा मंडलों के अनोखे नाम, नाग, भचीड़ उपाड़, टेर, महाआलसी और फुर्तीला
बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर काम देखिए, नाम में क्या रखा है। जी हां, भचीड़ उपाड़, टेर, नाग, महाआलसी जैसे नाम से कोई यह अंदाजा नहीं लगा सकता कि यह समाज में सेवा का बहुत बड़ा काम कर रहे है। धार्मिक मेलों, पदयात्रियों की सेवा में जुटी संस्थाओं में कई ऐसे नामों की संस्थाएं भी है। इन दिनों रामदेवरा पैदल यात्रियों के जत्थे जा रहे है।उनके लिए बीकानेर से रामदेवरा मार्ग पर जगह-जगह सेवा शिविर चल रहे है। बीकानेर के बड़े धार्मिक स्थल पूनरासर हनुमान और सियाणा भैरव के मेले भी नजदीक है। ऐसे में सेवा शिविरों में संस्थाएं पदयात्रियों के लिए भोजन, चाय-नाश्ता से लेकर नहाने और विश्राम करने तक की व्यवस्थाएं कर रही है।

बीकानेर सेवाभाव के लिए पहचान रखता है। ऐसे में प्रदेश के अन्य जिलों के मुकाबले यहां धार्मिक संस्थाएं संया में ज्यादा होने के साथ सक्रिय रूप से भागीदारी में भी आगे है। भाद्रपद मास में भरने वाले धार्मिक मेलों के दौरान सेवा मंडलों और संस्थाओं की ओर से सेवा शिविर लगाने का यह प्रमुख समय है। अपने सेवा कार्यों से इन संस्थाओं ने अपनी अलग पहचान भी कायम की है। रामदेवरा, पूनरासर हनुमान, सियाणा भैरव, कोडमदेसर भैरव, तोलियासर भैरव, देशनोक करणी माता, कोलायत आदि धार्मिक मेलों में सालों से सेवा कर रही होने से संस्थाओं के नाम लोगों के दिल-दिमाग पर छाए होने के साथ जुबान पर भी है। कई संस्थाओं के अनूठे नाम होने से उन्हें कभी भूल भी नहीं सकते।

विशिष्ट है इनके नाम

धार्मिक मेलों में सेवाएं देने वाले मंडलों में कुछ मंडलों के नाम अनूठे है। इनमें देखा देख मंडल, हाथों हाथ मंडल, एकाएक मंडल, फुर्तीला मंडल, महाआलसी मंडल, नाग मंडल, टेर मंडल, सूना मंडल, भचीड़ उपाड़ मंडल, झला पट्टा मंडल, बंद मुठी सेवा, उठक-बैठक मंडल, लाल फौज, उठता बैठता, कमांडो, संत मंडल, आयला-भायला संघ, हड़ाट फोर्स, मटर संघ, जय झपट मण्डल, झमरू मण्डल, गोटा मण्डल, आळसी मंडल, भायला मंडल, ना थ्हारी है ना हारी, चौकी संघ, दोस्ती मंडल, तनसुख, प्रेम मंडल, भैंरूजी हारो भायलो सहित कुछ नाम लीक से हटकर है। जो इन सेवा मंडलों की विशिष्ट पहचान बनी है।