भजनलाल सरकार ने बदला कांग्रेस सरकार का एक और बड़ा फैसला, राजस्थान शिक्षा विभाग ने इस पद को किया खत्म

राजस्थान में सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में सृजित उप प्रधानाचार्य का पद समाप्त कर दिया गया है। कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2022 में उप प्रधानाचार्य का पद सृजित किया था। अब इस पद पर पदोन्नति नहीं होगी। वर्तमान में कार्यरत उप प्रधानाचार्य के सेवानिवृत्त होने या पदस्थापित होने पर पद समाप्त कर दिया जाएगा। विभाग ने अब सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में वरिष्ठ व्याख्याता का नया पद सृजित किया है। इसका वेतनमान 14 रखा गया है। कांग्रेस सरकार में उप प्रधानाचार्य के 12 हजार 4 सौ 21 पद सृजित किए गए थे।
20 हजार से अधिक व्याख्याता पहले से ही पे-14 में हैं
वरिष्ठ व्याख्याता का वेतनमान पे-14 रखा गया है। राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा का कहना है कि व्याख्याता 9 वर्ष की सेवा के बाद पे-12 से पे-14 में पदोन्नत होता है। वर्ष 2016 से पहले कार्यरत व्याख्याताओं को पे-14 मिल रहा है। ऐसे व्याख्याताओं की संख्या 20 हजार से अधिक है। ऐसे में वे पहले से ही वरिष्ठ व्याख्याता का वेतन ले रहे हैं। सरकार को नवपदोन्नत विद्यालयों में व्याख्याता का पद सृजित करना चाहिए, इससे वरिष्ठ अध्यापकों की सीधी भर्ती व पदोन्नति का रास्ता खुलेगा।
विद्यालयों में 12 हजार व्याख्याताओं की कमी थी
विद्यालयों में 12 हजार व्याख्याताओं की कमी थी। शिक्षा विभाग की बैठक में यह बात सामने आई थी कि विद्यालयों में उप प्राचार्य की जरूरत नहीं है। व्याख्याताओं को पदोन्नत कर उप प्राचार्य बनाया जा रहा था। इससे विद्यालयों में 12 हजार व्याख्याताओं की कमी हो गई थी। व्याख्याताओं को आर्थिक नुकसान भी हो रहा था। अब सरकार ने व्याख्याताओं की पदोन्नति के लिए इस पद को समाप्त कर वरिष्ठ व्याख्याता का नया पद सृजित कर दिया है। आदेश में यह तय नहीं है कि एक विद्यालय में कितने वरिष्ठ व्याख्याता होंगे।
उप प्राचार्य के सप्ताह में मात्र 18 पीरियड होते थे
अखिल राजस्थान विद्यालय शिक्षक संघ के प्रवक्ता देवनारायण गुर्जर का कहना है कि उप प्राचार्य के सप्ताह में 18 पीरियड होते थे, व्याख्याता के 33 पीरियड होते हैं। अब बच्चों को व्याख्याता उपलब्ध हो सकेंगे।