Bikaner में दस माह में परिवार के सामूहिक आत्महत्या की दूसरी घटना
पत्नी की बीमारी के बाद बिगड़ी आर्थिक दशा
पुलिस के मुताबिक, राहुल दो बहनों का इकलौता भाई था। जेएनवीसी में किराए के मकान में रहता था। पत्नी की बीमारी के बाद से उसकी आर्थिक स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी। कारोबार के लिए बैंकों से मोटा ऋण भी लिया था, जिसकी करीब एक लाख रुपए प्रतिमाह किश्त ही थी, जो वह भर नहीं पा रहा था। रिश्तेदार भी फोन नहीं उठाते कि कहीं पैसे न मांग ले, इसलिए वह एकाकी भी हो गया था।
जिन्हें सबसे ज्यादा चाहा, उन्हें ही कर दिया दूर
राहुल के मित्रों की मानें, तो राहुल अपने परिवार को बेहद चाहता था। पत्नी की तबीयत खराब हुई, तो छुप-छुप कर रोते भी दोस्तों ने देखा। दोपहर करीब सवा एक या डेढ़ बजे जैसे ही सोशल मीडिया पर बीकानेर शहर में एक पूरे परिवार के सामूहिक आत्महत्या करने की खबर आग की तरफ फैली।चर्चा बीकानेर रेंज आईजी के आत्महत्याओं को रोकने के लिए बने सुसाइड प्रिवेंशन रिसोर्सेज सेल की भी हुई। उन्होंने वर्ष 2024 को आत्महत्या रोकथाम वर्ष के रूप में नामित किया है। इसके बावजूद आत्महत्याएं थम नहीं रही।
दस माह पहले भी उजड़ गया था एक हंसता-खेलता परिवार
करीब दस महीने पहले अंत्योदय नगर में एक ही परिवार के पांच जनों ने एक साथ आत्महत्या कर ली थी। इसमें पति-पत्नी और उनके तीन बच्चे शामिल थे। महिला ने सुसाइड नोट में ससुराल व पीहर वालों पर परेशान करने का आरोप लगाया था।