राजस्थान की सियासत गरमाई! भजनलाल बोले-'पूर्व सीएम ट्विटर तक सीमित, गहलोत ने भी दिया मुंहतोड़ जवाब

बीकानेर न्यूज़ डेस्क - ट्विटर पर सक्रियता और पिछले वादों को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व सीएम अशोक गहलोत आमने-सामने आ गए हैं। गहलोत पर कटाक्ष करते हुए सीएम ने कहा- हमारे पूर्व मुख्यमंत्री ट्विटर पर सक्रिय हैं। लेकिन, वे एक दिन भी विधानसभा नहीं आए। वे सारा दिन ट्विटर पर लगे रहते हैं और सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं। सीएम बीकानेर के कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा- सिर्फ सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने से लोगों की तकलीफें कम नहीं होतीं। उन्होंने कहा- आपको (गहलोत) ट्वीट करने से पहले अपनी सरकार के पिछले पांच साल के कामों को देखना चाहिए। गहलोत ने सीएम भजनलाल को एमएसपी पर बाजरा खरीद की मांग को लेकर विपक्ष में रहते हुए किए गए प्रदर्शन को लेकर एक्स पर किए गए उनके ट्वीट की याद दिलाते हुए पलटवार किया।
गहलोत ने ढाई साल पुराने ट्वीट की याद दिलाई
गहलोत ने पलटवार करते हुए एक्स पर लिखा- आज मुख्यमंत्री ने सरकारी कार्यक्रम में मेरे ट्वीट पर टिप्पणी की है, जिसमें जनता की शिकायतें बताई गई हैं और सरकार की कमियां उजागर की गई हैं। मुख्यमंत्री जी, मैं आपको आपका यह ट्वीट याद दिलाना चाहता हूं, जो करीब ढाई साल पुराना है, जिसमें आप कांग्रेस सरकार के खिलाफ एमएसपी पर बाजरा खरीदने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।
सीएम ने गिनाई सरकार की उपलब्धियां
सम्मेलन में सीएम भजनलाल ने अपनी सरकार के कामों को गिनाते हुए कहा- हमने हर क्षेत्र में काम किया है। बिजली के क्षेत्र में भी अच्छा काम हुआ। हम 2027 तक किसानों और उद्योग को भी बिजली देंगे। उन्होंने कहा- हमने 100 यूनिट बिजली दी। सोलर जोड़कर 150 यूनिट बिजली देंगे।
शहर अध्यक्ष को मंच पर चढ़ने से रोका
कार्यक्रम में भाजपा शहर अध्यक्ष सुमन छाजेड़ को सुरक्षाकर्मियों ने मंच पर जाने से रोक दिया। ऐसे में छाजेड़ ने किसी को मोबाइल पर कॉल कर स्थिति से अवगत कराया। बाद में बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास ने बीच-बचाव किया तो छाजेड़ को मंच पर जगह दी गई।
इससे पहले सुबह जब सीएम बीकानेर पहुंचे तो भाजपा नेताओं ने नाल एयर बेस पर उनका स्वागत किया। इस दौरान भाजपा नेता सत्यप्रकाश आचार्य और पूर्व विधायक सुनीता बावरी को अंदर नहीं जाने दिया गया। आचार्य ने जब सूची में अपना नाम बताया तो एक पुलिसकर्मी ने कहा कि यह फर्जी है। इस पर आचार्य नाराज हो गए। बाद में पुलिस अधिकारियों ने मामले को संभाला। इस बात पर उनकी पुलिसकर्मियों से बहस हो गई।