पाकिस्तान की साजिश बेनकाब! इस बार फलौदी नाल और उत्तरलाई एयरबेस बने टारगेट 1965 और 1971 में जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर थे निशाने पर
बुधवार रात पाकिस्तान ने खाजूवाला के पास स्थित यजमान मंडी और फोर्ट अब्बास से पश्चिमी सीमा पर नाल, उत्तरलाई और फलौदी एयरबेस पर हमला किया। दरअसल, यजमान मंडी और फोर्ट अब्बास में पाकिस्तान का एडवांस लैंडिंग ग्राउंड है। इसके अलावा बहावलपुर और भावलनगर में एयर स्ट्रिप है। उधर, पाकिस्तान ने राजस्थान की पश्चिमी सीमा पर ड्रोन हमले शुरू कर दिए हैं, जिसके चलते सीमा पर रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। रात 8.30 बजे अगले आदेश तक ब्लैकआउट घोषित कर दिया गया। रात 12 बजे के बाद खाजूवाला में ड्रोन गतिविधि की सूचना मिली है।
हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन खाजूवाला, रणजीतपुरा से लेकर अनूपगढ़ तक बीएसएफ मोर्चे पर तैनात है। सीमा क्षेत्र में रहने वाले लोगों की आंखों में नींद नहीं है। ग्रामीण पूरी रात जागते रहे। यजमान मंडी और फोर्ट अब्बास से मिसाइलें दागी गईं, पाकिस्तान का यहां एडवांस लैंडिंग ग्राउंड है, पाकिस्तान के पास मौजूद एयर सर्विलांस सिस्टम चीन और स्वीडन के हैं। भारत के पास इजरायल और रूस के लेटेस्ट तकनीक वाले एयर सर्विलांस सिस्टम हैं। ये एयर सिस्टम दुनिया में सबसे बेहतरीन माने जाते हैं। ऐसे में पाकिस्तान के लिए हमारे विमानों की जासूसी करना उतना आसान नहीं है, जितना भारत कर सकता है। हमारे सर्विलांस सिस्टम की वजह से जैसे ही कोई लड़ाकू विमान पाकिस्तान के सिंध के कराची और शाहबाज एयरबेस से उड़ान भरता है, हमारे सर्विलांस सिस्टम को चंद सेकंड में ही इसकी जानकारी हो जाती है। जवाब देने के लिए हमारे पास एस-400 एंटी मिसाइल सिस्टम, सुखोई जैसे लड़ाकू विमान हैं।
1965 और 1971 में जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर निशाने पर थे। सुदर्शन चक्र एस-400 और आकाश एंटी मिसाइल सिस्टम के अलावा सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम, हैंड-हेल्ड, स्पूफिंग और जैमिंग समेत कई इंटीग्रेटेड काउंटर-यूएएस सिस्टम ने पाकिस्तान की आक्रामक सैन्य कार्रवाई को नाकाम कर दिया। पाकिस्तान ने हमले के लिए कोई विमान नहीं भेजा, लेकिन उसने बड़ी संख्या में ड्रोन और मिसाइलें भेजीं। इनके चीन और तुर्की में बने होने का संदेह है।
भारतीय वायुसेना के इंटीग्रेटेड काउंटर यूएएस ग्रिड और एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान की तरफ से लॉन्च होते ही मिसाइल और ड्रोन को रडार पर डिटेक्ट कर लिया। यह हवा में उड़ गया और भारतीय सीमा की तरफ बढ़ गया। रडार से इनपुट मिलते ही इसकी सटीक लोकेशन और जानकारी तुरंत सीमा क्षेत्र में विभिन्न जगहों पर तैनात एयर डिफेंस सिस्टम को भेज दी गई। डिफेंस सिस्टम एस-400 'सुदर्शन चक्र' और अन्य एंटी मिसाइल सिस्टम ने टारगेट को लॉक कर तुरंत दुश्मन की मिसाइल और ड्रोन की दिशा में लॉन्च कर दिया। भारतीय हवाई सीमा में प्रवेश करते ही सुदर्शन चक्र सुरक्षा प्रणाली ने 10 से 15 मिनट के रिस्पॉन्स टाइम में मिसाइल और ड्रोन को हवा में ही नष्ट कर दिया। तब ऊंचाई 5 से 8 हजार फीट थी।
