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Bikaner पूरे राजस्थान में इंटरनेट पर कोई प्रतिबंध नहीं, जिले में नेट पर प्रतिबंध

 
Bikaner पूरे राजस्थान में इंटरनेट पर कोई प्रतिबंध नहीं, जिले में नेट पर प्रतिबंध

बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुके मोबाइल फोन रविवार सुबह नेटबंदी के साथ ही जैसे लोगों के लिए बोरियत का भी सामान लेकर आए। सुबह उठते ही मोबाइल के सोशल मीडिया अकाउंट खंगालने वालों के लिए तो जैसे दिन की शुरुआत ही खराब रही। उस पर भी तुर्रा यह कि किसी को यह नहीं पता था कि नेटबंदी हुई है या नहीं। और अगर हुई भी है, तो किस कारण से और कितनी देर रहेगी। इसकी वजह प्रशासनिक शिथिलता को माना जा रहा है, जिसने बिना घोषणा के ही नेटबंदी कर दी।

सुबह 6:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक करीब 11 घंटे लोग परेशान होते रहे। कोई दुकान पर खड़ा ग्राहक को पेमेंट करने के लिए परेशान नजर आया, तो कोई मेडिकल स्टोर या दूसरे रोजमर्रा के कामों में मोबाइल से भुगतान के लिए अटका रहा। हर तरह का लेन-देन इस दौरान प्रभावित रहा। जिन घरों में ब्रॉडबैंड कनेक्शन या वाई-फाई था, वहां तो राहत रही, लेकिन बाकियों के लिए रविवार का अवकाश परेशानियों भरा रहा। आमतौर पर परीक्षा होती है, तो जिला प्रशासन आमतौर पहले ही नेटबंदी की घोषणा कर देता है, लेकिन दो बार से ऐसा नहीं हो रहा है। रविवार को भी कनिष्ठ लेखाकार परीक्षा के दौरान भी यही किया गया। लिहाजा लोग भ्रम में रहे। कभी अपना मोबाइल ऑन करते, तो कभी ऑफ। ऑनलाइन भुगतान भी नहीं होने के कारण लाखों रुपए का लेन-देन भी नहीं हो पाया। व्यापार खासा प्रभावित रहा।

 प्रदेश में पेपरलीक से बीकानेर के प्रशासनिक अधिकारियों में ऐसा डर बैठा है कि कोई भी परीक्षा हो, संभाग मुख्यालय पर आंख बंद कर नेटबंदी कर दी जाती है। इतना ही नहीं, इसकी कोई सार्वजनिक सूचना भी जारी नहीं की जाती। नतीजा यह होता है कि लोग सुबह अचानक इंटरनेट बंद पाकर सबसे पहले अपने मोबाइल और डेटा की उलझन में रहते हैं। फिर अचानक नेटबंदी से किसी अनहोनी की आशंका से परेशान रहते हैं। दरअसल, प्रदेश में रविवार को कनिष्ठ लेखाकार भर्ती परीक्षा का आयोजन संभाग मुख्यालयों पर किया गया। बीकानेर समेत सभी संभागों पर दो पारी में परीक्षा हुई। परन्तु बीकानेर को छोड़कर कहीं भी इंटरनेट बंद नहीं किया गया। इससे पहले 21 जनवरी को भी सीटेट की परीक्षा के दौरान बीकानेर में नेटबंदी लागू कर दी गई। जबकि उस दिन भी पूरे प्रदेश में कहीं ऐसा कदम नहीं उठाया गया।