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262 करोड़ के प्रोजेक्ट पर काम कर रही 8 फर्मों में तालमेल की कमी, शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा अंजाम

 
262 करोड़ के प्रोजेक्ट पर काम कर रही 8 फर्मों में तालमेल की कमी, शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा अंजाम 

शहर में अमृत-2 के तहत चल रहे काम में देरी हो रही है। इसका मुख्य कारण यह है कि नोएडा की जिस फर्म को 262 करोड़ रुपए का काम दिया गया था, उसके पास अपनी एक भी मशीन नहीं है। उसने बड़ा टेंडर लेकर छोटे-छोटे ठेकेदारों में काम बांट दिया। उन ठेकेदारों को भी समय पर भुगतान नहीं हो रहा है। इसके चलते वे काम बीच में ही छोड़कर भाग रहे हैं। इसलिए जो काम अब तक 55 प्रतिशत हो जाना चाहिए था, वह अभी भी करीब 35 प्रतिशत ही हुआ है। सूत्रों के अनुसार कोटगेट क्षेत्र में 4 वेंडरों को काम सौंपा गया है।

रानीबाजार क्षेत्र में भी 4 अलग-अलग वेंडर काम कर रहे हैं। इनमें एक मैनेजर और चार इंजीनियर नियुक्त किए गए हैं। सूरसागर और अंबेडकर सर्किल में अलग-अलग ठेकेदार हैं। करमीसर में दो नए वेंडर हैं। सार्वजनिक पार्क में एसटीपी बनाने के लिए अलग से ठेकेदार है। सुदर्शन नगर में एक ठेकेदार काम कर रहा है। इन सबके ऊपर कंपनी का एक ओवरऑल हेड है। हर ठेकेदार अपने क्षेत्र के काम को महत्व देता है। उसे नहीं पता कि उसके क्षेत्र में हो रही खुदाई का अन्य स्थानों पर क्या असर होगा। इसीलिए फर्मों के बीच कोई तालमेल नहीं है। इस कारण शहर में रोजाना ट्रैफिक जाम की स्थिति रहती है। अगर एक ही फर्म होती तो फर्म एक तरफ से काम करती। लेकिन 8 छोटे ठेकेदार एक साथ काम कर रहे हैं, इसलिए पूरा शहर एक साथ खोद दिया जाता है।

शहर में अभी सबसे खराब स्थिति नगर निगम से जूनागढ़ तक है। जूनागढ़ से पेट्रोल पंप के बीच 3 जगहों पर सड़क पर बैरिकेडिंग है। ऊपर से सड़क के बीच में खड़ी जेसीबी अलग से जाम का कारण बनती है। यहां ट्रैफिक जाम इतना ज्यादा है कि लोग इस रास्ते से बचने लगे हैं। एक कट ऐसी जगह बनाया गया है जो फर्नीचर रोड से आता है। ऐसे में इस रोड पर मुड़ने और उसी तरफ से आने वाले वाहनों की वजह से ट्रैफिक जाम ज्यादा होता है।

इस गति से 2 साल का काम 3 साल में पूरा हो जाएगा

अमृत योजना का काम 2 साल में पूरा करने को कहा गया था। निगम का मानना ​​है कि 35 फीसदी काम हुआ है जबकि ठेकेदार के मुताबिक 40 फीसदी काम हुआ है। कुछ काम पाइपलाइन में है, इसलिए अभी उसकी गिनती नहीं हो पा रही है। ठेकेदार की मानें तो भी 15 फीसदी काम अभी तय समय से पीछे है। पिछले मानसून में शहर की हालत देखकर कुछ समय के लिए काम रोक दिया गया था। इस साल फिर मानसून में काम रुक सकता है। सबसे ज्यादा दिक्कत नगर निगम रोड पर है। लोगों को लगा कि नई सीवरेज लाइन के पाइप का साइज बड़ा है, इसलिए पानी जल्दी निकल जाएगा, लेकिन यह कहना मुश्किल है कि आने वाले मानसून में यह लाइन शुरू हो पाएगी या नहीं, क्योंकि पब्लिक पार्क में बनने वाला एसटीपी प्लांट पूरा नहीं हो पाएगा।