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अगर आपकी बेटी RTE के तहत पढ़ रही है तो हो जाएं सावधान, पढ़े ये खबर

 
अगर आपकी बेटी RTE के तहत पढ़ रही है तो हो जाएं सावधान, पढ़े ये खबर 

बीकानेर न्यूज़ डेस्क, निजी स्कूलों में आरटीई के तहत पढ़ रही प्रदेश की 21 हजार से अधिक बेटियां पिछले साल की स्कूल फीस का पुनर्भरण के लिए राज्य सरकार का मुंह ताक रही है। आरटीई के तहत 8वीं तक निजी स्कूलों में पढ़ी ये बेटियां आगे की पढ़ाई उन्हीं निजी स्कूलों में कर रही है। परेशानी उन माता-पिता को ज्यादा है, जिन्होंने अपनी आर्थिक हैसियत से ज्यादा फीस वाले निजी स्कूल में बच्ची को पढ़ाने का साहस दिखाया। उन्हें सरकार से सालभर बाद भी पूरी स्कूल फीस नहीं मिली है। जानकारी के अनुसार प्रदेश में करीब 15 करोड़ रुपए फीस का भुगतान बकाया है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 21 मार्च 2022 को बजट में निजी विद्यालयों में आरटीई के तहत आठवीं तक नि:शुल्क पढ़ने वाली बालिकाओं को आगे 12वीं तक निजी स्कूलों में पढ़ाई जारी रखने पर फीस पुनर्भरण करने की घोषणा की थी। इसमें छात्रा को निजी स्कूल में पढ़ने पर फीस का पुनर्भरण शिक्षा सत्र के दौरान दो किश्त में करने की बात कही।

शिक्षा सत्र 2023-24 में आरटीई के तहत प्रवेशित छात्राएं 8वीं पास कर 9वीं में पहुंची। अब ये छात्राएं शिक्षा सत्र 2024-25 में कक्षा 10वीं में पढ़ रही हैं। निजी स्कूल उनसे पिछले साल की बकाया फीस मांग रहे हैं। जो परिवार फीस भरने में सक्षम नहीं है, उनके सामने बेटी की पढ़ाई छुड़वाने हालत हो गई है। शिक्षा विभाग ने कुछ छात्राओं की एक किश्त का भुगतान किया है तो कुछ छात्राओं को एक भी किश्त का भुगतान नहीं किया है।

बना रखी है इंदिरा महिला शक्ति निधि

तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने आरटीई के तहत निजी स्कूलों में 8वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद आगे 9वीं से 12वीं तक पढ़ने में मदद करने की घोषणा की थी। इसके लिए इंदिरा महिला शक्ति निधि का गठन किया। इसमें सरकार सिर्फ आरटीई के तहत निजी स्कूल की तय यूनिट कास्ट के बराबर फीस का ही पुनर्भरण करती है। अब शिक्षा विभाग कह रहा है कि सरकार इंदिरा शक्ति निधि में पैसा डालेगी तभी छात्राओं को भुगतान किया जा सकेगा।

पिछले साल की फीस भी बकाया

नए सत्र के शुरू होने के बाद निजी स्कूल पिछले सत्र की बकाया फीस जमा कराने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि सरकार से मिल रही फीस से दो से तीन गुणा फीस निजी स्कूल ले रहे हैं। यह अंतर राशि भी अभिभावक को ही देनी है।

निदेशालय तक पहुंचे, हाईकोर्ट भी गए अभिभावक

श्रीगंगागनर के एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल में इस योजना के तहत अध्ययनरत छात्रा के अभिभावक ने शिक्षा विभाग से पूछा कि उसे स्कूल को कितनी और कब फीस देनी है। सरकार जितनी फीस पुनर्भरण करेगी, स्कूल उससे ज्यादा फीस मांग रहे हैं। इसका कोई जवाब विभाग ने नहीं दिया। अभिभावक ने हाईकोर्ट जोधपुर में याचिका दायर की, तो शिक्षा विभाग ने एक किश्त उसके खाते में जमा करवा दी।बीकानेर के एक निजी स्कूल के खिलाफ एक छात्रा के अभिभावक ने शिकायत दी कि उसकी बेटी की अंक तालिका और टीसी स्कूल नहीं दे रहा। स्कूल बकाया फीस भरे बिना ऐसा करने से इनकार कर रहा है। सरकार ने फीस पुनर्भरण की दूसरी किश्त अभी तक दी नहीं। वह खुद बकाया फीस भरने में सक्षम नहीं है।

सरकारी पोर्टल बता रहा सच

स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल पर इंदिरा महिला शक्ति निधि के बारे में जानकारी प्रदर्शित है। इसमें मुख्यमंत्री की ओर से 21 मार्च 2022 की घोषणा प्रदर्शित है। साथ ही योजना के तहत लाभार्थी छात्राओं की सूचना की जगह पात्र बालिकाएं 21 हजार 32 बता रखी है। भुगतान प्राप्त करने वाली छात्राओं की संख्या शून्य दर्शा रखी है।

योजना के तहत यह व्यवस्था

सरकार छात्रा को कक्षा 9 व 10 में प्रतिवर्ष आरटीई के लिए अध्ययनरत निजी स्कूल की आरटीई के तहत निर्धारित यूनिट कास्ट (पुनर्भरण राशि) में 10 प्रतिशत जोड़कर भुगतान करेगी। कक्षा 11 व 12 में यूनिट कास्ट में 20 प्रतिशत जोड़कर देगी।शिक्षा सत्र में चार महीने बाद सरकार एक किश्त तथा सत्र पूरा होने तक दूसरी किश्त देगी।शिक्षा सत्र 2023-24 की बीकानेर जिले की 259 छात्राओं को पहली किश्त का भुगतान कर चुके हैं। इनकी दूसरी किश्त का भुगतान शेष है। सरकार से बजट मिलते ही भुगतान कर देंगे।