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Holi 2025: राजस्थान के शहर में 300 साल पुरानी होली परंपरा, मजाक और रंगों के साथ मस्ती की शुरुआत

 
Holi 2025: राजस्थान के शहर में 300 साल पुरानी होली परंपरा, मजाक और रंगों के साथ मस्ती की शुरुआत

बीकानेर न्यूज़ डेस्क-  होली से पहले ही राजस्थान के बीकानेर में होली प्रेमियों के सिर पर होली का रंग चढ़ जाता है। इस मौके पर लड़के लड़कियों की तरह सजते हैं और खूब धमाल मचाते हैं। होली के उल्लास, उत्साह और मस्ती के रंग में रंगे होली प्रेमी शहर की गलियों में हर जगह देखे जा सकते हैं। राजस्थान के बीकानेर में आज भी 300 साल पुरानी अनूठी परंपरा के साथ होली मनाई जाती है, यहां होली की शुरुआत रम्मत से होती है। रम्मत का मतलब होता है खेल।

गाकर करते हैं संवाद
रम्मत लोक नाट्य की सदियों पुरानी परंपरा है, जिसमें इसके पात्र गाकर संवाद करते हैं। रम्मतों की शुरुआत 'फक्कर दाता' की रम्मत से होती है। ये रम्मत देर रात से शुरू होकर सुबह सूर्योदय तक चलती है। आज भी रम्मत की रिहर्सल के लिए कलाकार दो महीने पहले से ही इसकी तैयारी शुरू कर देते हैं। वे रम्मत का अभ्यास करते हैं, साथ ही अपनी साज-सज्जा और मेकअप का भी ध्यान रखते हैं। उनकी वेशभूषा भी वैसी ही होती है, जैसी 300 साल पहले थी। पुरुष महिलाओं का रूप धारण करते हैं। पहले वे अपने पात्र के अनुसार सजते हैं, फिर भगवान शिव की पूजा करते हैं और मंच पर आते हैं।

इसके अलावा भगवान कृष्ण और शिव के भजन भी गाते हैं
रम्मत में शुरू से लेकर अंत तक हर कलाकार ढोल की थाप पर गाता है और अपनी प्रस्तुति देता है। खास तौर पर रम्मत में पात्र भगवान का रूप धारण करते हैं, लोगों की इसमें काफी आस्था है। सबसे पहले मंच से गणेश स्तुति की जाती है। इसके बाद भगवान कृष्ण और शिव के भजन गाए जाते हैं। ख्याल गीत रम्मत का मुख्य आकर्षण होता है, जिसमें गीत और नृत्य के माध्यम से अच्छे समय की कामना की जाती है। इसमें हास्य, ख्याल और लावणी के माध्यम से गीत में व्यक्ति, समाज, परिवार, राष्ट्र पर कटाक्ष किया जाता है। रम्मत का दौर रात 8 बजे से शुरू होता है, जो सुबह 4 बजे तक चलता है। हर कलाकार मंच से खास अंदाज में गायन कर प्रस्तुति देता है।

पूरे 8 दिनों तक लोग होली के रंगों में डूबे रहते हैं
रम्मत में कोरस में गायन भी महत्वपूर्ण होता है, इसमें मंच पर, मंच के पीछे और मंच के सामने खड़े लोग भी कलाकारों के साथ गाते हैं। एक लय में गाने का आनंद होली के रंगों को और बढ़ा देता है। होली की मस्ती में डूबे होली प्रेमी पूरे 8 दिनों तक अलग-अलग वेश-भूषा में शहर में घूमते हैं। रम्मत देखने के लिए दूर-दूर से हजारों लोग आते हैं और रम्मतों का यह दौर पूरे एक सप्ताह तक चलता है।