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लूणकरणसर में प्रवासी पक्षियों की भारी उपस्थिति, थार के ईकोसिस्टम की जीवंतता का संकेत

 
लूणकरणसर में प्रवासी पक्षियों की भारी उपस्थिति, थार के ईकोसिस्टम की जीवंतता का संकेत

राजस्थान के लूणकरणसर क्षेत्र में नमक की झील पर इस मौसम में प्रवासी पक्षियों की बड़ी संख्या देखने को मिली है। अब तक करीब सात हजार से अधिक प्रवासी पक्षी झील में कुरजां के लिए पहुंच चुके हैं। वन विभाग और पक्षी विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार, इस क्षेत्र में आने वाले पक्षियों की कुल संख्या 20 हजार से अधिक हो सकती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह आंकड़ा इस बात का संकेत है कि थार के मरुस्थलीय क्षेत्र का ईकोसिस्टम अब भी काफी जीवंत और संतुलित है। लूणकरणसर की नमक-युक्त झील प्रवासी पक्षियों के लिए एक महत्वपूर्ण ठिकाना है, जहां वे भोजन, विश्राम और प्रजनन के लिए पहुंचते हैं।

वन विभाग ने बताया कि इस बार प्रवासी पक्षियों की उपस्थिति पिछले साल की तुलना में अधिक देखी जा रही है। इसमें खासकर क्रेन, डाक और अन्य पानी-पक्षी शामिल हैं। ये पक्षी हजारों किलोमीटर की यात्रा कर ठंड के मौसम में यहां आते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे स्थल पर्यावरण और जैव विविधता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

पक्षी प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए भी यह समय खास है। झील पर आने वाले हजारों पक्षियों का समूह एक अद्भुत नजारा पेश करता है। वन विभाग ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे पक्षियों को परेशान न करें और उनके प्राकृतिक आवास की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि लूणकरणसर और आसपास के मरुस्थलीय क्षेत्र में जल और भोजन के संसाधनों की उपलब्धता से ही यह बड़ी संख्या में पक्षी यहां आते हैं। यह दर्शाता है कि इस क्षेत्र का पारिस्थितिकी तंत्र अभी भी स्वस्थ है और संरक्षण के प्रयासों का सकारात्मक असर दिखाई दे रहा है।

वन विभाग ने आगे कहा कि इस अवसर का उपयोग वैज्ञानिक अध्ययन और पर्यावरणीय शिक्षा के लिए किया जा सकता है। स्थानीय समुदायों को भी इसके महत्व को समझना चाहिए और पारिस्थितिकी संरक्षण में योगदान देना चाहिए।