राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने शिक्षा पर दिया जोर: कहा, शिक्षा देश और समाज के काम आए
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा है कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए, जो केवल व्यक्तिगत सफलता तक सीमित न रहे, बल्कि देश और समाज के विकास में भी सहायक हो। उनका मानना है कि शिक्षा का असली उद्देश्य समाज के लिए योगदान करना और राष्ट्र निर्माण में भागीदारी करना होना चाहिए।
राज्यपाल ने उदाहरण देते हुए बताया कि 5-6 साल पहले एक छात्र उनके पास पीएचडी करने की परमिशन लेने आया था। उस समय उन्होंने छात्र से पूछा कि वह अपने शोध और अध्ययन का उपयोग समाज और देश की भलाई के लिए कैसे करेगा। इस उदाहरण के माध्यम से उन्होंने यह संदेश दिया कि शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री हासिल करना नहीं होना चाहिए, बल्कि ज्ञान का सही उपयोग करना आवश्यक है।
हरिभाऊ बागडे ने छात्रों और शिक्षकों को प्रेरित किया कि वे शिक्षा को सिर्फ व्यक्तिगत सफलता के माध्यम के रूप में न देखें, बल्कि इसे समाज और राष्ट्र की सेवा में लगाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि यदि शिक्षा का उद्देश्य समाज और देश की उन्नति में योगदान देना होगा, तभी यह सच में सार्थक और प्रभावशाली बनेगी।
राज्यपाल ने आगे कहा कि वर्तमान समय में केवल तकनीकी या अकादमिक ज्ञान ही पर्याप्त नहीं है। साथ ही नैतिकता, समाजिक जिम्मेदारी और राष्ट्रभक्ति को भी शिक्षा का अहम हिस्सा माना जाना चाहिए। उन्होंने शिक्षण संस्थानों से अपील की कि वे छात्रों को सिर्फ पढ़ाई तक सीमित न रखें, बल्कि उन्हें समाज और देश के लिए काम करने के लिए तैयार करें।
इस अवसर पर उपस्थित शिक्षक और छात्र समुदाय ने राज्यपाल की बातों को काफी प्रेरणादायक बताया और कहा कि यह दृष्टिकोण शिक्षा की गुणवत्ता और उद्देश्य को नई दिशा देगा। राज्यपाल का संदेश स्पष्ट है कि शिक्षा का वास्तविक मूल्य तभी समझ में आता है, जब उसका प्रभाव समाज और राष्ट्र के लिए सकारात्मक हो।
