एमएसपी पर मूंगफली खरीद में अव्यवस्था: 6 हजार फर्जी टोकन के बाद भी नए किसानों को नहीं मिला नंबर, असमंजस बढ़ा
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मूंगफली की खरीद शुरू हुए दस दिन से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन किसानों की परेशानियाँ कम होने का नाम नहीं ले रहीं। राजफेड द्वारा 6 हजार फर्जी टोकन रद्द किए जाने के बावजूद अब तक वास्तविक किसानों को नए टोकन जारी नहीं किए गए हैं। इस कारण खरीद केंद्रों पर किसानों में भारी असमंजस और नाराजगी का माहौल है।
गिरदावरी के बाद भी नहीं मिल रहा मौका
सरकार की ओर से गिरदावरी के आधार पर पात्र किसानों को टोकन जारी करने की घोषणा की गई थी, ताकि फर्जीवाड़े पर रोक लग सके। लेकिन वास्तविक किसानों का कहना है कि उन्हें अब तक कोई सूचना या नया नंबर जारी नहीं हुआ है। ऐसे में वे अपनी उपज लेकर खरीद केंद्रों तक तो पहुँचे, लेकिन खरीद प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पा रहे हैं।
किसानों के मुताबिक, मूंगफली का खराब होना भी अब चिंता का विषय बन गया है। कई किसानों ने बताया कि अगर खरीद में और देरी हुई तो उपज की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा और नुकसान का बोझ उन पर ही आएगा।
फर्जी टोकन का खुलासा बना नई समस्या का कारण
खरीद प्रक्रिया शुरू होते ही राजफेड ने विभिन्न जिलों में जांच के दौरान हजारों फर्जी टोकन पकड़े थे। तत्काल उन टोकनों को रद्द करने की कार्रवाई की गई, लेकिन इसके बाद वास्तविक किसानों के लिए नई सूची जारी करने में देरी होती जा रही है।
किसानों का कहना है कि जब फर्जी टोकन धारी घर बैठे लाभ उठा सकते हैं, तो वास्तविक किसान खरीद केंद्रों पर चक्कर काटते रह गए।
किसानों की आवाज—“खरीद शुरू, लेकिन सिर्फ कागजों में!”
किसानों ने खरीफ बाजार समिति नियमों के तहत खरीद कार्य को सुचारू करने की मांग की है। कई किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि स्थिति नहीं सुधरती, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।
उनका कहना है—
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गिरदावरी सत्यापन के बाद तुरंत टोकन जारी किए जाएं
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किसानों को केंद्रों पर प्रतीक्षा में रहने की मजबूरी से बचाया जाए
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खरीद की गति बढ़ाने के लिए अतिरिक्त सुविधाएँ और स्टाफ लगाया जाए
राजफेड का पक्ष
सूत्रों के अनुसार, राजफेड का कहना है कि फर्जी टोकन पकड़े जाने के बाद नए टोकन जारी करने से पहले सभी पात्र किसानों की सूची का दोबारा सत्यापन किया जा रहा है, ताकि आगे कोई गड़बड़ी न हो। साथ ही खरीद केंद्रों पर ऑनलाइन सत्यापन कार्य भी जारी है।
किसानों के धैर्य की परीक्षा
मूंगफली किसानों का धैर्य अब जवाब देता दिखाई दे रहा है। उनकी मेहनत की उपज मंडियों में रखी-रखी खराब हो रही है, लेकिन समर्थन मूल्य पर उनकी बिक्री अभी भी अधर में है।
