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Bikaner एक्स-रे देख मरीज का किया ऑपरेशन, मिली दर्द से राहत

 
Bikaner एक्स-रे देख मरीज का किया ऑपरेशन, मिली दर्द से राहत

बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज से संबद्ध सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक ने बुधवार को रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन तकनीक से 44 वर्षीय मरीज के असहनीय ट्राइजेमिनल दर्द का ऑपरेशन कर उसे असहनीय दर्द से राहत दिलाई। एसएसबी में यह अपनी तरह का पहला ऑपरेशन है. मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल का दावा है कि प्रदेश के किसी सरकारी अस्पताल में पहली बार इस तकनीक से ऐसा ऑपरेशन किया गया है. ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया को अक्सर मानवता के लिए ज्ञात सबसे कष्टदायी पीड़ाओं में से एक के रूप में वर्णित किया जाता है। इस बीमारी के ऑपरेशन के बाद एसएसबी को भी अपग्रेड किया गया है. प्रसिद्ध इंटरवेंशनल दर्द विशेषज्ञ डॉ. यूनुस खिलजी ने एक संघर्षरत मरीज का सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर उसके दर्द को कम किया है। एसएसबी अधीक्षक डॉ. सोनाली ने बताया कि आमतौर पर ऐसे ऑपरेशन बड़े सेंटरों पर किए जाते हैं। इस कारण ये महंगे हैं.

ऑपरेशन टीम में शामिल हों

एसएसबी अधीक्षक डॉ. सोनाली धवन, न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. दिनेश सोढ़ी, डॉ. कपिल पारीक, डॉ. प्रियंका सहित ओटी तकनीशियन, नर्सिंग स्टाफ और रेडियोग्राफर टीम मौजूद थी। "एसएसबी में दर्द प्रबंधन और प्रशामक देखभाल की ओपीडी शुरू होने के बाद कई मरीजों को असहनीय दर्द से राहत मिली है। ऐसे ऑपरेशन आमतौर पर निजी अस्पतालों में किए जाते हैं, जो महंगे होते हैं।"
डॉ. गुंजन सैनी, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज

यही बीमारी है

डॉ. यूनुस ने बताया कि ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया एक पुरानी दर्द की स्थिति है जो ट्राइजेमिनल तंत्रिका को प्रभावित करती है, जो चेहरे की नसों को नियंत्रित करती है। इसके लक्षणों में चेहरे पर अचानक तेज और असहनीय दर्द जैसे छुरा घोंपना शामिल है। रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन एक न्यूनतम आक्रामक प्रक्रिया है जो दर्द के लिए जिम्मेदार तंत्रिका संकेतों को बाधित करने के लिए इलेक्ट्रिक हिट का उपयोग करती है, जिससे इस दर्दनाक स्थिति से पीड़ित रोगियों को राहत मिलती है। उन्होंने बताया कि यह बीमारी बहुत आम है. जब दिमाग से निकलने वाली किसी नस में दिक्कत होती है तो चेहरे पर दर्द होता है। यह ऑपरेशन बिना कोई चीरा लगाए और एक्स-रे में देखे किया गया है. मरीज को सुई की मदद से नस को बिजली से जलाकर राहत दी गई।