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Bikaner अब प्री-प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने के लिए DIET में तैयार होंगे शिक्षक

 
Bikaner अब प्री-प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने के लिए DIET में तैयार होंगे शिक्षक
बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर प्रदेश की सभी डाइट्स में डिप्लोमा इन प्री स्कूल एजुकेशन पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी चल रही है। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूल शिक्षा में पहली कक्षा से पहले तीन प्राइमरी कक्षाएं सभी स्कूलों में शुरू की जानी है। इसके लिए राज्य की सभी डाइट्स में एनटीटी की तर्ज पर डिप्लोमा इन प्री स्कूल एजुकेशन पाठ्यक्रम (डीपीएसई) शुरू किया जाएगा। इससे प्री प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने वाले शिक्षक डाइट्स में प्रशिक्षण प्राप्त कर तैयार होंगे।प्रदेश में अभी कुछ विद्यालयों में प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू की गई है। इनमें महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत एनटीटी प्रशिक्षित शिक्षक-शिक्षिकाओं का समायोजित किया गया है। अब सरकार एनटीटी के समकक्ष राज्य में डिप्लोमा इन प्री स्कूल एजुकेशन पाठ्यक्रम के लिए सभी जिला शिक्षा शिक्षण प्रशिक्षण संस्थानों (डाइट्स) का उपयोग करेगी।

डाइट प्राचार्यों सेमांगे प्रस्ताव

इसकी क्रियान्विति के लिए डाइट प्राचार्यों से प्रस्ताव-सुझाव मांगे गए है। पहली वीडियो कॉनफ्रेंसिंग बैठक 5 फरवरी को हुई। इसमें एनटीटी की तर्ज पर डिप्लोमा इन प्री स्कूल एजुकेशन शुरू करने पर सुझाव लिए गए। इस बारे में प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से भी एक बैठक की जाएगी। इसके बाद निदेशालय अंतिम प्रस्ताव तथा पाठ्यक्रम की रूपरेखा शिक्षा सचिव को भेजेगा। जिस पर मुहर लगने के बाद सभी डाइट्स में डिप्लोमा इन प्री स्कूल एजुकेशन पाठ्यक्रम शुरू हो जाएगा।

50 सीट होगी प्रत्येकडाइट में डीपीएसई की

सभी डाइट में डीपीएसई की 50-50 सीट होगी। प्री प्राइमरी के बच्चों को शिक्षण कराने के लिए एनटीटी प्रशिक्षित शिक्षकों के साथ प्रदेश में डीपीएसई प्रशिक्षित शिक्षक योग्य माने जाएंगे। डीपीएसई में में प्रवेश के लिए नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) के लिए निर्धारित मापदंड ही रहेंगे। एनटीटी डिप्लोमा कोर्स 1 से 2 वर्ष का होता है। इसमें शैक्षणिक योग्यता 12वीं बोर्ड परीक्षा न्यूनतम 50% अंकों से उत्तीर्ण होने चाहिए। न्यूनतम आयु 17/18 वर्ष है।

ये हो सकता है कोर्स

एनटीटी की तरह इस नए कोर्स के पाठ्यक्रम में बाल मनोविज्ञान और विकास, शिक्षण पद्धतियां, क्रिएटिव एक्टिविटीज शामिल होंगे। इसमें ड्राइंग, स्टोरी टेलिंग, यूजिक और क्राट भी शामिल है। पाठ्यक्रम में क्लासरूम मैनेजमेंट तथा संचार कौशल और व्यवहारिक शिक्षा के विषय भी होंगे।