Bikaner ट्रैफिक प्रबंधन पटरी से उतरा, लोग धड़ल्ले से क्रॉसिंग लाइट जंप कर रहे
![Bikaner ट्रैफिक प्रबंधन पटरी से उतरा, लोग धड़ल्ले से क्रॉसिंग लाइट जंप कर रहे](https://aapkarajasthan.com/static/c1e/client/91529/uploaded/68d98a20c1d02d1819f77ac4c11b1ec3.jpg?width=968&height=500&resizemode=4)
गड़बड़ है सिग्नल चक्र
यूआईटी व यातायात पुलिस के सूत्रों की मानें, तो ट्रैफिक सिग्नल लाइटों के लाल-पीला होने का साइकल यानी चक्र दुरुस्त नहीं है। कहीं पर बत्ती 15 सैकंड तो कहीं पर एक से दो मिनट तक लाल या पीली रहती है। ऐसा आभास होता है कि सिगनल चक्र किस चौराहे पर कितना हो, इसको लेकर किसी तरह का न तो कोई सर्वे किया गया और न ही यह जानने की कोशिश की गई कि किस चौराहे या तिराहे पर ट्रैफिक का कितना दबाव होता है।
बाहरी वाहन चालक करते हैं पालन, लेकिन स्थानीय...
ट्रैफिक लाइटों का स्थानीय वाहन चालक पालन नहीं करते हैं। बाहर से आने वाले वाहन चालक ट्रैफिक सिग्नल पर वाहन को रोकते हैं, लेकिन स्थानीय वाहन चालक रेड लाइट होने के बावजूद वाहन को सिग्नल पर रोकते नहीं है। शहर के 15 में से महज पांच स्थानों पर ही पुलिसकर्मी तैनात हैं। शेष जगह पर ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए कोई यातायातकर्मी तैनात नही है।
स्कूलों व कॉलेज के आगे नहीं है जेब्रा व क्रॉसिंग लाइन
शहर में स्कूल, कॉलेज व चिकित्सा संस्थानों के आगे सड़क पर कहीं पर भी जेब्रा व क्रॉसिंग लाइन नहीं बनी हुई है, जिससे हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है। डूंगर कॉलेज, केन्द्रीय विद्यालय, सोफिया, बीबीएस स्कूलों के पास सड़क पर जेब्रा व क्रॉसिंग लाइन का प्रावधान है, लेकिन हकीकत में यह गायब है। इससे आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं।शहर में जितनी भी नई सड़कें हैं, उन सभी पर रोड मार्किंग का कार्य नॉर्म्स के अनुसार करवाया जा रहा है। रॉड क्रॉसिंग, एज लाइन व जेब्रा कॉसिंग व स्टॉप लाइन का कार्य सड़क सुरक्षा के तहत प्राथमिकता से कराए जाने का लक्ष्य रखा है। यह कार्य जल्द पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा जहां कहीं आवश्यकता है, वहां रोड मार्किंग का कार्य करवाया जाएगा।