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Bikaner पूगल में भी जमीन घोटाला, कानूनगो और 4 पटवारी निलंबित

 
Bikaner पूगल में भी जमीन घोटाला, कानूनगो और 4 पटवारी निलंबित

बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर जिले में छत्तरगढ़ के बाद अब पूगल में जमीन आवंटन घोटाला सामने आया है। प्राथमिक जांच के अनुसार तहसील कर्मियों और पटवारियों ने मिलीभगत करके लगभग 2 हजार बीघा जमीन का गलत तरीके से आवंटन कर दिया। ये सारा घोटाला पिछले एक साल के दौरान हुआ है। रेतीले धाेराें की यह अनकमांड जमीन 1971-1976 के बीच और 1985 में भूमिहीन किसानाें काे निशुल्क आवंटित की गई थी। उस समय भूमिहीन किसानाें के नाम इंतकाल दर्ज हाे गया। उसके बाद किसी ने भी इन जमीनाें की सुध नहीं ली ताे उन्हें वापस अराजीराज कर दिया। लगभग एक साल पहले पूगल तहसील के करणीसर ग्राम पंचायत क्षेत्र में साेलर प्लांट लगाने की मंजूरी मिल गई। इसके कारण यहां जमीनों की कीमत बढ़ गई। इसके बाद अपने नाम से आवंटित अराजीराज जमीन काे वापस लेने के लिए कई लोगों ने दोबारा आवेदन किया।

नियमानुसार आवेदकाें से संबंधित क्षेत्र के एसडीएम काेर्ट में वाद दायर करवाना चाहिए था। इसके विपरीत कर्मचारियों ने मिलीभगत करके तहसील कार्यालय में पुन: जमीन देने के प्रार्थना पत्र के आधार पर ही उन्हें जमीन आवंटित कर दी। इस मामले की शिकायत आने के बाद जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने पूरे मामले की जांच की। जांच में आवंटन गलत तरीके से और नियम विरूद्ध पाए जाने पर पूगल तहसील के भू अभिलेख निरीक्षक इकबाल सिंह व जयसिंह, ऑफिस कानूनगाे भंवर लाल मेघवाल, पटवारी लूणाराम, मांगीलाल बिश्नाेई, राजेन्द्र स्वामी और विकास पूनिया को निलंबित किया गया है।

पुराने आवंटन की पुष्टि करा कर दे दी खातेदारी

तहसील कार्यालय में कार्यरत पटवारी और भू अभिलेख निरीक्षक ने जमीन आवंटन के मामले में नियमों का ध्यान नहीं रखा। उन्हाेंने एसडीएम कार्यालय काे आवंटन पुष्टि पत्र भेजा। उसमें केवल यही पूछा कि आपके यहां इस नाम के व्यक्ति काे 1971-76 के बीच और 1985 में जमीन आवंटित की गई थी क्या? इसमें क्या किया जा सकता है? इस पत्र का जवाब एसडीएम कार्यालय से यही आया कि हां आवंटन किया गया था, नियमानुसार कार्रवाई की जाए। बीकानेर जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने बताया कि जांच के दाैरान आरोपियों को निलंबित कर दिया गया है। मामले में अन्य जाे भी दाेषी हाेंगे, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। 50 साल पुराने पट्टाें काे नियम विरुद्ध देना, उन्हें गैर खातेदार बनाकर तत्काल खातेदारी देना, जैसी अनियमितताएं मिली हैं।