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बीकानेर में देशनोक हादसे के पीड़ितों को मुआवजा न मिलने पर भड़की जनता, दोपहर तक बंद रहा पूरा शहर

 
बीकानेर में देशनोक हादसे के पीड़ितों को मुआवजा न मिलने पर भड़की जनता, दोपहर तक बंद रहा पूरा शहर 

देशनोक ओवर ब्रिज पर हुए सड़क हादसे में छह लोगों के परिजनों को मुआवजा नहीं दिए जाने के विरोध में सोमवार को बीकानेर बंद रहा। बंद का असर दोपहर तक शहर के मुख्य बाजारों व मुख्य मार्गों पर दिखाई दिया। दोपहर दो बजे के बाद दुकानें खुलनी शुरू हुईं। शाम तक बाजार सामान्य हो सकता है।

पिछले माह देशनोक में हुए सड़क हादसे में छह लोगों की मौत हो गई थी, जिसके लिए प्रशासन ने मुआवजे की घोषणा की थी। इसके बाद भी अब तक कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। इसके विरोध में ग्रामीणों व मृतकों के परिजनों ने पिछले कुछ दिनों से जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना भी दिया, लेकिन प्रशासन ने कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की। ऐसे में परिजनों ने बीकानेर बंद का ऐलान किया। बीकानेर के अलावा नोखा भी पूरी तरह बंद रहा और श्रीकोलायत में भी मुख्य बाजार बंद रहा।

बीकानेर कलेक्ट्रेट परिसर में एकत्र ग्रामीणों व मृतकों के परिजनों ने अलग-अलग रूटों पर कामकाज शुरू कर दिया। केईएम रोड, कोटगेट, स्टेशन रोड, जस्सूसर गेट, तोलिया भैरूजी गली, जयनारायण व्यास नगर, खतूरिया कॉलोनी समेत कई इलाकों में पहुंची टीमों ने बाजार पूरी तरह बंद करवा दिए। बीकानेर में दुकानदारों का कहना था कि वे सुबह 11 बजे तक अपनी दुकानें खोल लेंगे, लेकिन बंद समर्थकों ने टोलियां बनाकर पूरे समय उन पर नजर रखी।

ऐसे में व्यापारी दोपहर 2 बजे तक अपनी दुकानें नहीं खोल पाए। इसके बाद धीरे-धीरे सभी दुकानें खुलनी शुरू हो गईं। इस दौरान कहीं कोई टकराव की स्थिति नहीं बनी। दुकानदारों ने बड़े आराम से अपनी दुकानें बंद कीं। बंद के दौरान मिठाई और खाने-पीने की दुकानें भी बंद रहीं, लेकिन उन पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाया गया। वहीं दवाइयों की दुकानों को भी बंद से दूर रखा गया। स्कूली वाहनों को आने-जाने से किसी ने नहीं रोका। स्कूलों में अवकाश घोषित करने का भी कोई दबाव नहीं बनाया गया।