Bikaner में नशे का काला धब्बा, जहां हर शाम 100 से ज्यादा युवा कर रहे शराब का सेवन
बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर शहर में नशीले पदार्थों का अवैध कारोबार तेजी से फैल रहा है। 13 साल से लेकर 25 साल तक के बच्चे, किशोर और युवा इसके शिकंजे में जकड़ते जा रहे हैं। इस गोरखधंधे में 25 से 30 लोग लिप्त हैं। एक अनुमान के अनुसार रोज 15 से 20 लाख रुपए का नशा शहर में बिक रहा है।नशे खिलाफ लोक लाज और भय के कारण लोग सामने आने से डरते हैं, लेकिन पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताते हैं कि भुट्टों का बास क्षेत्र नशे का सबसे बड़ा नेक्सस बना हुआ है। यहीं के लोगों का कहना है कि 25 से 30 व्यक्ति इस अवैध धंधे में लिप्त हैं। लेकिन अब तक किसी के पकड़े जाने की खबर नहीं है। शहर के परकोटे में भी यह जहर फैल रहा है।
रिपोर्टर नशे के कारण बर्बाद हो रहे कुछ युवाओं के घर पहुंचा। उनकी दास्तां सुन मन विचलित हो गया। अकेले रामदेव पार्क क्षेत्र की ही बात करें तो वहां के लोगों का कहना है कि 100 से ज्यादा लड़के स्मैक, एमडी और गांजे का नशा करते हैं। शाम होते ही युवक चुपचाप घर से निकल जाते हैं। दो-तीन घंटे बाद लौटते हैं तो नशे में बुरी तरह से धुत्त होते हैं। घर वालों को पैसे भी छिपाकर रखने पड़ते हैं।सोने, चांदी के गहने ही नहीं रसोई गैस के सिलेंडर और मां की साड़ियां तक नशे के लिए बेच रहे हैं। कुछ नहीं मिला तो आत्महत्या की धमकी देकर माता-पिता से पैसा वसूल रहे हैं। नशा करने वाले युवाओं में तस्करों का इतना खौफ है कि उनका नाम तक जुबान पर नहीं लाते। नशे का सेवन करने वाले 21 साल के एक युवक का कहना है कि पुलिस ने भी खूब कोशिश कर ली। जब मैंने उन्हीं को कुछ नहीं बताया तो आपको क्यों बताऊं।
4 साल में 3 लाख से ज्यादा की स्मैक पी गया बेटा
मेरा बेटा 19 साल का था जब उसे नशे की लत लगी। हमें दो साल बाद पता चला कि यह एक पुड़िया में पाउडर जैसी कोई वस्तु ले रहा है। डॉक्टरों के पास ले गए। इलाज में लाखों रुपए खर्च कर दिए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। दवा लेने के बाद कुछ दिन ठीक रहता है, लेकिन घर से बाहर निकलते ही वापस नशा लेने लगता है। चार साल में तीन लाख रुपए की स्मैक, एमडी पी गया।नशे के लिए घर में मारपीट तक करने लगता है। हम बाहर जाते हैं तो बेटे को घर में बंद करके जाना पड़ता है। उसकी छोटी बहन भी है, लेकिन वह उसे कंट्रोल नहीं कर पाती। मैं और मेरे पति प्राइवेट जॉब करते हैं। अब तो बेटे को भी मैं अपने साथ ही काम पर लेकर जाती हूं।
बेटे ने फोन पर ट्रेन से कटने की धमकी दी, 1 हजार रु. पेटीएम किए
मेरे दो जुड़वा बेटे हैं। 21 साल के एक बेटे ने पॉलिटेक्निक कॉलेज से इलेक्ट्रिकल में डिप्लोमा कर रखा है। एक रात पुलिस ने गंगानगर चौराहे पर नशे में धुत्त कुछ लड़कों को पकड़ा था। उनमें मेरा बेटा भी था। तब हमें पता चला कि वह नशा लेने लगा है। मेरे पर्स में से पैसा निकाल लेता है। एक बार बिना बताए घर से निकल गया।अगले दिन किसी अनजान के मोबाइल से फोन करके बोला जयपुर में स्टेशन पर खड़ा हूं। इस मोबाइल में रुपए डाल दो वर्ना ट्रेन के नीचे आ जाऊंगा। उसे सुधारने के लिए नयाशहर थाने में लॉकअप में भी रखा, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। मेरा मोबाइल 1500 रुपए में रोशनी घर चौराहे पर किसी दुकानदार के यहां गिरवी रख आया। बेचने वाली कोई चीज घर में नहीं छोड़ता।
नशे में बेटे ने घर में उत्पात मचाया तो पिता ने पुलिस को सौंप दिया
शहरी क्षेत्र में ही पूजा पाठ करने वाला एक परिवार घर में बड़े बेटे की नशे की लत के कारण बेहद परेशान और तनाव में रह रहा है। बेटे की उम्र करीब 28 साल है। कई साल से वह नशा कर रहा है। जानकार बताते हैं कि ऐसा कोई नशा नहीं है, जो उसने नहीं किया हो।घर में उत्पात मचाने पर दो बार परिवार वालों ने ही उसे पुलिस को सौंपा। जमानत तक नहीं कराई। बेटे को जेल में रहना पड़ा। परिवार की रोजी-रोटी पाठ पूजा से ही चलती है। बेटे के कारण उनकी आर्थिक स्थिति भी काफी दयनीय हो चली है। रिश्तेदार और समाज के लोग सहयोग करते रहते हैं। युवक पोस्ट ग्रेजुएट है। कंप्यूटर का जानकार है, लेकिन नशे की लत के कारण बर्बाद हो चुका है। ये लोग अपनी पहचान उजागर करना नहीं चाहते, लेकिन चाहते हैं कि उनकी परेशानी को पढ़ने के बाद दूसरे परिवार बर्बाद ना हों। लोग अपने बच्चों का ध्यान रखें।