Bikaner जेजेएम में अनियमितताएं, फर्मों को 24.35 करोड़ रुपए कम देना होगा जुर्माना
बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर जल जीवन मिशन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी चल रही है। जिले के नोखा और खाजूवाला क्षेत्र में मार्च 2024 में ही काम पूरा हाेना था, लेकिन दाेनाें ही जगह टेंडर का एक्सटेंशन कर दिया। हैरानी की बात है कि टेंडर वित्त कमेटी ने मंजूर किया था ताे उसका एक्सटेंशन भी उसी कमेटी काे करना था। मगर एक्सईएन के प्रस्ताव पर एडिशनल चीफ इंजीनियर ने ही एक्सटेंशन कर दिया। इसका नतीजा ये हुआ कि फर्माें पर लगने वाली एलडी (लिक्विडिटी डैमेज) कम हाे गई। इससे फर्म काे सीधे ताैर पर 24.35 कराेड़ का फायदा हाे रहा है।
दरअसल जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2021-22 में खाजूवाला में 370 करोड़ तथा नोखा में 609 करोड़ का काम मार्च 2024 तक पूरा किया जाना था। दोनों तहसीलों में पेयजल वितरण प्रोजेक्ट के तहत घर-घर पेयजल कनेक्शन दिए जाने थे। लेकिन दो साल की समयसीमा में काम पूरा नहीं हो पाया है।काम अधूरा होने के कारण तत्कालीन एक्सईएन ने दाेनाें ही फर्माें काे एक्सटेंशन देने का प्रस्ताव बनाकर एडिशनल चीफ इंजीनियर चूरू काे भेजा। इस प्रस्ताव पर निर्णय लेने का अधिकार वित्त समिति काे था। लेकिन तत्कालीन एडिशनल चीफ इंजीनियर ने टेंडर काे अक्टूबर 2024 तक एक्सटेंशन दे दिया। हालांकि इस समय तक भी प्राेजेक्ट पूरा हाेना मुश्किल लग रहा है।
एक्सटेंशन के बाद भी आधा ही काम हुआ
खाजूवाला : जेजेएम के अतिरिक्त मुख्य अभियंता का मुख्यालय चूरू है। जोन में बीकानेर में नोखा, खाजूवाला के अलावा कोलायत, श्रीडूंगरगढ़ आदि तहसीलों के बड़े प्रोजेक्ट हैं। सभी की गति धीमी है। खाजूवाला में 139 गांव और ढाणियाें काे पेयजल से जाेड़ना है। मार्च 2024 में काम पूरा हाेना था पर अक्टूबर तक एक्सटेंशन देने के बाद भी अब तक 53 प्रतिशत ही काम हुआ। हर गांव में सड़क किनारे पाइप ही पाइप बिखरे पड़े हैं।खाजूवाला में मैसर्स बीआरसीसीपीएल- मैसर्स ओम इंफ्रा-मैसर्स डारा कंपनी को जॉइंट वेंचर (40%- 60%- 10%) में 370.23 करोड़ का वर्क ऑर्डर जारी हुआ था। अब तक करीब 190 करोड़ का ही काम हो पाया है। 714 किमी डीआई पाइप की जगह 420 किमी लाइन ही डाली गई है। विभिन्न साइज की एचडीपीई पाइप भी करीब 1300 किमी ही डले हैं। कुल 64 उच्च जलाशयाें में से 42 का काम शुरू हुआ है।
नोखा : नोखा में भी वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट का काम धीमी गति से चल रहा है। यहां मैसर्स एचसीसीएल-मैसर्स ओम इंफ्रा लि.(जेवी) कंपनी को 609 करोड़ का काम सौंपा गया था। दो साल में 300 कराेड़ से कुछ अधिक का ही काम हो पाया है। नाेखा तहसील के 154 गांव और उनकी ढाणियाें तथा दाे कस्बाें के हर घर काे पेयजल से जाेड़ना था।प्राेजेक्ट की प्रशासनिक-वित्तीय स्वीकृति 698.72 कराेड़ की जारी हुई थी। वर्कऑर्डर 609 कराेड़ का हुआ। अब तक करीब 400 किमी डीआई पाइप, 1799 किमी एचडीपीआई पाइप डाले गए हैं। 61 में से 44 उच्च जलाशय का काम शुरू हुआ है। चार सीडब्ल्यूआर, चार पंप हाउस का काम चल रहा है। पीएचईडी मंत्री से की गई शिकायत में जॉइंट वेंचर फर्म की बराबर की हिस्सेदारी रखकर लीड पार्टनरशिप पर सवाल उठाया गया है।
46.18 की जगह 21.83 कराेड़ रुपए रह गई एलडी
नियम विरुद्ध तरीके से प्राेजेक्ट की डेडलाइन बढ़ाने से दाेनाें फर्माें काे सीधा फायदा हाे रहा है। कायदे से मार्च की डेडलाइन तक काम पूरा न हाेने के कारण 10 प्रतिशत एलडी काटी जानी थी। नोखा में 31.26 करोड़ और खाजूवाला में 14.92 करोड़ रुपए की एलडी बनती थी। अब काम पूरा करने की समय सीमा अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। इस वजह से नाेखा में एलडी घटकर 15 कराेड़ और खाजूवाला में 6.83 कराेड़ ही रह गई।
दाेनाें जगह कुल 21.83 कराेड़ की एलडी बन रही है। प्राेजेक्ट काे एक्सटेंशन देने से दाेनाें फर्माें काे अब 24.35 कराेड़ की एलडी नहीं चुकानी हाेगी। टेंडर के नियम विरुद्ध एक्सटेंशन पर राज्य के अधिकारी भी आंख मूंदे बैठे हैं। इसकी शिकायत पीएचईडी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी तक पहुंची तो मामले की जांच के आदेश दिए गए। अतिरिक्त मुख्य अभियंता राममूर्ति ने इस संबंध में अनभिज्ञता जताई है।"जल जीवन मिशन प्रोजेक्ट को लेकर जहां भी शिकायतें मिल रही हैं उनकी जांच कराई जा रही है। बीकानेर के खाजूवाला और नोखा के मामले में भी पता करवा रहे हैं।""खाजूवाला-नोखा के एडिशनल चीफ से फैक्चुअल रिपोर्ट मांगी है। प्रदेश में सभी कार्यों की प्रगति रिपोर्ट मंगवाई है। कहां कितना पेमेंट हुआ। कहां कितना काम अधूरा पड़ा है, इसकी पूरी जानकारी मांगी गई है।"
