Bikaner अनाज मंडी में धांधली पर कसी नकेल, अब ऑनलाइन पर्ची
बीकानेर न्यूज़ डेस्क, कृषि उपज मंडी समितियों में मंडी टैक्स और उपकर की चोरी का खेल जगजाहिर है। बीकानेर मंडी में मूंगफली, सरसों और चना आदि कृषि जिंसों की दो नम्बर में खरीद कर कुछ व्यापारी माल पार कर ले जाते हैं। अनाज मंडियों में इस हेराफेरी पर अब नकेल कसने की तैयारी कर ली गई है। सरकार ने अनाज मंडियों के गेट पर कैमरे लगाने के आदेश पहले ही जारी कर दिए हैं। अब आवक से लेकर विक्रय तक पूरी प्रक्रिया में रजिस्टर में अंकन और मंडी की छपी पर्चियां काटने की व्यवस्था नहीं रहेगी।
नई व्यवस्था के तहत गेट पर पॉस मशीन से एन्ट्रीपास कटेगा। जो ई पोर्टल से जुड़ी होने से माल मंडी में आते ही आवक ऑनलाइन रिकॉर्ड में आ जाएगी। इसके बाद बोली के माध्यम से व्यापारी के खरीद करने पर किसान की ढेरी पर ही खड़े होकर पॉस मशीन से मंडी कर्मचारी विक्रय पर्ची काटेगा। इसके बाद व्यापारी की ओर से किसान को भुगतान भी डिजिटल माध्यम से करना होगा।
राज्य स्तरीय समिति की बैठक में निर्णय
राज्य स्तरीय समिति की पिछले महीने हुई बैठक में प्रदेश की सभी अनाज मंडियों में ई- नाम परियोजना लागू करने का निर्णय किया गया। इसके तहत सभी मंडी सचिवों से 26 मार्च तक इस परियोजना को लागू करने के लिए आवश्यक साधन-संसाधनों की डिमांड ले ली गई। उन्हें आवश्यक कम्प्यूटर, कैमरे, पॉस मशीन और कर्मचारियों की जानकारी लेकर उनके लिए बजट आवंटन आदि की कार्रवाई की जा रही है। माना जा रहा है कि अप्रेल में ही इस व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा। मंडी में जितनी उपज आती है, उसमें से बड़े हिस्से का गेटपास नहीं काटते। इसमें गेटपास की फर्जी रसीद छपी होने की आशंका भी जताई जाती है। ऐसे में मंडी में कितना माल किसान लेकर आए, इसका कोई हिसाब नहीं रहता। फिर अनाज मंडी से व्यापारी माल खरीदकर ट्रक में लादकर गेट पर तैनात कर्मचारी से मिलीभगत कर बाहर निकाल कर ले जाते हैं। रास्ते में माल पकड़ में नहीं आए, इसके लिए फर्जी फर्म की रसीद आदि का सहारा लेते हैं।