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Bikaner डेंगू के मामलों में जिला शीर्ष पर, मलेरिया ने बाड़मेर को जकड़ा

 
Bikaner डेंगू के मामलों में जिला शीर्ष पर, मलेरिया ने बाड़मेर को जकड़ा
बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर बारिश का दौर धीमा पड़ने के साथ ही वर्षा जलभराव के दुष्परिणाम भी सामने आने लगे है। मच्छरों के काटने से डेंगू एवं मलेरिया के रोगी सामने आने लगे है। इसे रोकने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग लार्वानाशी गतिविधियों को तेज कर चुका है।अस्पतालों में पहुंच रहे बुखार पीड़ितों की रक्त जांच कर डाटा भी संग्रह किए जा रहे है। इस साल अब तक आठ महीनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो मलेरिया से मुक्त हो रहे बीकानेर में अब डेंगू रोगी तेजी से बढ़ रहे है। प्रदेश में अभी तक मलेरिया रोगियों में सबसे आगे बाड़मेर जिला है। प्रदेश में डेंगू के 1805 एवं मलेरिया के 710 रोगी सामने आए हैं। सभी पचास जिलों में जहां मलेरिया अभी आक्रामक नहीं हुआ है। वहीं डेंगू के आंकड़े इसके बेकाबू होने का अलर्ट दे रहे हैं।

बीकानेर डेंगू में सबसे आगे, 229 मरीज रिपोर्ट

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक प्रदेश के 50 जिलों में डेंगू के सर्वाधिक रोगी बीकानेर में सामने आए हैं। बीकानेर में इस साल 31 अगस्त तक 229 डेंगू रोगी रिपोर्ट हुए हैं। हालांकि अभी तक मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है। जिले में मलेरिया के जरूर 42 रोगी सामने आए हैं।

बाड़मेर मलेरिया में सबसे ऊपर

प्रदेश में मलेरिया के सबसे ज्यादा रोगी बाड़मेर जिले में सामने आए है। बाड़मेर में इस साल मलेरिया के 191 रोगी रिपोर्ट हो चुके हैं। जबकि डेंगू के 25 रोगी सामने आए है। पास के जैसलमेर में जिले में डेंगू का एक भी रोगी सामने नहीं आया है। जोधपुर ग्रामीण जिले में दो रोगी सामने आए हैं।

टीमों को मैदानमें उतारा

मलेरिया एवं डेंगू रोगियों के चिन्हित करने के लिए नर्सिंग कॉलेजों के 200 विद्यार्थियों एवं 73 डोमेस्टिक ब्रीडिंग चैकर को फील्ड में लगाया है। ये घर-घर जाकर बुखार पीड़ितों का सर्वे कर रहे हैं। इस आधार पर इलाज शुरू किया गया है। एंटी लार्वा की गतिविधियां भी शुरू कर दी गई है।इस समय बरसात के मौसम में जगह-जगह पानी जमा हो गया है। इस पानी पर मलेरिया एवं डेंगू के मच्छर लार्वा देकर वंशवृद्धि कर रहे है। साथ ही कूलरों की नियमित सफाई नहीं होने से इनमें भी मच्छरों के लार्वा उत्पन्न हो रहे हैं। मच्छरों से बचाव के लिए शरीर को ढक कर रखें और सोते समय भी कपड़ा ओढ़कर सोएं। मेलोें का मौसम भी आ गया है। पैदल यात्री खुले में रास्ते में रात्रि विश्राम करते हैं। ऐसे में वह मच्छरों से बचाव के लिए शरीर को ढक कर रखें। जल भराव वाले स्थान के आस-पास नहीं रुकें। बुखार होने पर रक्त की जांच जरूर करवा लें।