Bikaner विकास प्राधिकरण, कलेक्टर ने जोड़बीड़ में बनाने का सरकार को भेजा प्रस्ताव
बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर विकास प्राधिकरण की मंजूरी और स्टाफिंग पैटर्न मंजूर होने के साथ ही अब उसकी नई बिल्डिंग बनाने को लेकर भी कवायद तेज हो गई है। पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास ने एमएस कॉलेज आरओबी के पास भेड़-ऊन अनुसंधान केन्द्र की जमीन पर बीडीए बिल्डिंग बनाने का सुझाव दिया। इससे पहले प्रशासन की ओर से पहले ही जोड़बीड़ में बिल्डिंग बनाने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। विकास प्राधिकरण का भवन बनाने के लिए जिन कारकों का ध्यान रखा जाना चाहिए उनमें पार्किंग, यातायात की सुविधा और शहर का होने वाला विकास अहम होगा।
दरअसल यूआईटी को प्राधिकरण में तब्दील जरूर किया गया लेकिन बीडीए के लिए यूआईटी की बिल्डिंग बहुत छोटी पड़ेगी। प्राधिकरण की बिल्डिंग बहुत बड़ी और आने वाले 100 साल के हिसाब से प्लान की जानी है। इसी लिहाज से सरकार ने बीडीए बिल्डिंग बनाने के लिए प्रशासन से जगह पूछी थी। प्रशासन ने वैसे तो दो जगह सुझाई है लेकिन उसमें प्रमुख जोड़बीड़ है। जोड़बीड़ इसलिए क्योंकि जिस हिसाब से शहर का विस्तार हो रहा है उसमें प्रमुख जयपुर रोड ही है। कॉलोनी का विस्तार इसी रोड पर संभव है। शहर में प्राधिकरण का कोई काम नहीं क्योंकि शहर की ज्यादातर कॉलोनी नगर निगम को हैंडओवर हो जाएंगी। ऐस में शहर से सटे बाहरी इलाके और आसपास के 40 किलाेमीटर के लाेगाें का काम पड़ेगा। इसके अलावा पार्किंग और यातायात काे देखते हुए भी जोड़बीड़ सुझाया गया।
विधायक जेठानंद व्यास काे जब इसकी भनक लगी ताे दाे दिन पहले जब सीएम ने जिले के सभी विधायकाें काे बुलाया गया ताे व्यास ने सीएम से कहा कि जोड़बीड़ दूर पडेगा। शहर से बाहर है। शहर के भीतर ही बीडीए दफ्तर रखा जाए। सीएम ने उनसे जगह पूछी ताे उन्हाेंने एमएस काॅलेज के के निकट भेड़ ऊन अनुसंधान केन्द्र की जमीन है। का सुझाव दिया। शहर के बीचाेबीच रहेगा ताे लाेगाें काे आने-जाने में आसानी हाेगी।
शहर में विकास की संभावनाएं किस रोड पर कितनी
श्रीगंगानगर रोड : श्रीगंगानगर रोड पर शहर का विस्तार कम होगा। उसकी वजह है कि इस रोड पर आईजीएनपी कॉलोनी के बाद दाहिनी तरफ आर्मी की जमीन है और बाई साइड में एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और उससे जुड़े केन्द्रों की जमीन। जो बीछवाल तक है। बीच में कोई आबादी बसनी मुश्किल है। ये दो से तीन किमी का बड़ा गैप हो रहा है। उसके बाद किसी को बसना हो तो बीछवाल और उसके आगे बस सकता है।
जैसलमेर रोड : मुरलीधर व्यास कॉलोनी के आगे बाई साइड में गोचर की जमीन है जो नाल तक है। दाहिने साइड में महाराजा गंगासिंह विवि है। इसलिए इस रोड पर भी बसने के लिए कई किलोमीटर का गैप आएगा। उसके बाद नाल से ही बसावट शुरू हो सकती है। इसलिए इस रोड पर भी लोगों का वास्ता कम ही पड़ेगा।
जोधपुर रोड : जोधपुर रोड पर जो गुंजाइश है वो उदयरामसर तक तो आसानी से है। कई मल्टीप्लेक्स कॉम्प्लेक्स बन भी रहे हैं पर उसके आगे गुंजाइश धीरे धीरे कम हो जाएगी। उसके बाद खदाने और खाइयां हैं ताे लोग उस ओर कम ही बसावट के लिए रुख करते हैं।
जयपुर रोड : ये एक ऐसी रोड है जहां विस्तार की सबसे बड़ी गुंजाइश है। हल्दीराम प्याऊ चौराहा आने वाले समय का सबसे बड़ा सेंटर बनेगा। हाल ही में सागर रोड पर एक शॉपिंग माल बना है। इस रोड पर सबसे ज्यादा शोरूम बन रहे हैं। यूआईटी की जमीन भी इसी रोड पर सबसे ज्यादा है। आने वाले समय में जयपुर-जोधपुर बाईपास तक शहर की बसावट और घनी हो जाएगी।
यही वजह है कि कलेक्टर ने जोड़बीड़ में बीडीए की बिल्डिंग बनाने का सुझाव दिया क्योंकि बाहर से आने वाले बाईपास से होकर ही वहां तक पहुंच सकते हैं। शहर में धीरे धीरे ट्रैफिक और घना होगा। दूसरी ओर विधायक का सुझाव भी अपनी जगह जायज है। अगर यातायात सिस्टम सुधार लिया जाए तो विधायक की सुझाई जगह भी काम की है।
"जमीन इतनी बड़ी है कि उसमें जो चाहे जैसे चाहें बीडीए आफिस बनाएं। यूआईटी ने अनुसंधान केन्द्र को पहले ही जमीन दूसरी जगह दे दी है। ये जमीन अब यूआईटी के नाम चढ़ चुकी थी जो अब बीडीए की है। इसका उपयोग नही करेंगे तो लोग कब्जा कर लेंगे। इससे अच्छा है इसका उपयोग हो।"
-जेठानंद व्यास, विधायक पश्चिम विधानसभा
"सरकार ने जो प्रस्ताव मांगे थे उसमें हमने दो तीन जगह सुझाई हैं। अब सरकार जो जगह तय करेगी वही निर्माण होगा। अभी ये प्राइमरी स्टेज में हैं। देखते हैं क्या होता है।"
