Bikaner निगम का संकट, संकरे बाजार, लंबी बसें, 4 पिंक बसें कहां खड़ी करें
बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर 80 लाख रुपए से ज्यादा की खरीदी गई नगर निगम की चार पिंक बसें अब उसी के लिए मुसीबत बन रही हैं। बसें निगम परिसर में खड़ी हैं। इनकी सर्वाधिक आवश्यकता बीकानेर के व्यस्त बाजारों में है। बसों की लंबाई अधिक है। बाजारों में जगह कम है। इसके कारण बसों को बाजार में खड़ी करने की जगह नहीं मिल पा रही। घने और संकरे बाजार में कोई दुकानदार उसे अपनी दुकानों के आगे खड़ी कराने के लिए तैयार नहीं है। ऊपर से जहां बसें खड़ी होनी हैं वहां बिजली, पानी, सीवरेज का कनेक्शन भी चाहिए होगा।
दरअसल कटला, फड़बाजार, तौलियासर भैरूं जी गली, केईएम रोड, कोटगेट, स्टेशन रोड समेत एक भी बाजार ऐसा नहीं जहां महिलाओं के लिए सुलभ शौचालय की सुविधा हो। मेयर सुशीला कंवर बनी तो उन्होंने इसे अपना एजेंडा बनाया। पांच साल वे भी कुछ नहीं कर सकी। कार्यकाल के अंतिम दिनों में जब ये पूरा होने की बारी आई तो आनन-फानन में काम हुआ।ऐसी बसें आई जिनको मार्केट में खड़ी करने के लिए जगह चाहिए जिससे ना तो यातायात प्रभावित हो। उनकी सुरक्षा बनी रहे। बिजली, पानी और सीवरेज का कनेक्शन भी हो। तौलियासर भैरूंजी गली में सर्वाधिक जरूरत है क्योंकि सिर्फ शहर नहीं बल्कि जिलेभर की महिलाएं यहां आती हैं। यहां मंदिर के पास बस खड़ी की जा सकती है मगर कुछ व्यापारी तैयार नहीं है। यही हालात अन्य बाजारों में हैं। सबसे बड़ी समस्या बस को खड़ी करने के लिए जगह की जगह में आ रही है।
समस्या सुरक्षा की भी
इस शहर में लोग सीवरेज चैंबर के ढक्कन तक चोरी कर ले जाते हैं। कई बार सीसीटीवी फुटेज में नगर निगम को इसके प्रमाण मिले हैं। शार्दूलसिंह सर्किल के पास तो पिछले समय के ट्रैक्टर पर लगी लेबर ही चैंबर उठाती नजर आई। ऐसे में पिंक बस की सामग्री सुरक्षित रहेगी ये कहना मुश्किल है।दिन में अटेंडेंट रहेगा या नहीं। सुबह पानी कौन भरेगा। सफाई कौन करेगा। जिसे जिम्मेदारी मिलेगी वो साफ करेगा क्या? ये सवाल इसलिए क्योंकि पूरे शहर के टॉयलेट गंदे पड़े हैं। शहर तो दूर नगर निगम कैंपस के टॉयलेट भी गंदगी से अटे पड़े हैं। वो ही नियमित साफ नहीं होते। महिलाओं में यूरिन इंफेक्शन की बीमारी भी जल्दी पकड़ती है।