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Bikaner धूमधाम से मनाई आखातीज, जिलेभर में जमकर हुई पतंगबाजी

 
Bikaner धूमधाम से मनाई आखातीज, जिलेभर में जमकर हुई पतंगबाजी

बीकानेर न्यूज़ डेस्क,  कस्बे में शुक्रवार को आखातीज का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। घरों में पारंपरिक बाजरे का खीचड़ा और इमलाणी बनाई गई और परिवार के सदस्यों के साथ भोजन किया गया। आखातीज पर जमकर पतंगबाजी भी हुई। भीषण गर्मी भी पतंगबाजों के जोश व उत्साह को कम नहीं कर पाई। सुबह से लेकर शाम तक तेज गर्मी व लू की बीच पतंगबाज छतों पर नजर आए। डीजे के गीतों पर पतंगबाजी का जमकर लुत्फ उठाया। शाम को मौसम ने साथ दिया, आसमां में बादलों ने डेरा जमाया और बादलवाही के बीच पतंगबाजी की गई। पतंगबाजी के चलते बाजार भी सूने नजर आए।नई मटकी में जल भरकर पूजन किया गया।

ग्रामीणों ने लिए जमाने के शगुन

ठुकरियासर. ग्रामीण अंचल में अक्षय तृतीया का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। गांवों में एक ओर ग्रामीण अबूझ सावा होने से जहां बड़ी संया में विवाह शादी करते हैं। वहीं किसान वर्ग अपने खेतों में जा कर जमाने के सगुन लेते हैं। प्राचीन परंपरा अनुसार घरों में मोठ-बाजरे का खीचड़ा बनाया गया। बुजुर्ग किसानों ने खेतों में पहुंच कर वन्य जीव एवं पक्षियों के चहल कदमी से आगामी जमाने का सगुन लिया। शुक्रवार को अल सुबह से ही घरों में महिलाएं ओखली व मूसल की धमक एवं घटी (चक्की) से खीचड़े की तैयारी में जुटी रही। उदरासर के दूलदास स्वामी ने बताया कि आखा तीज को दिन में आकाश में छाए बादल एवं मेघ गर्जना के साथ बूंदाबांदी भी हुई। जिससे बुजुर्ग लोग अच्छे जमाने का संकेत मान रहे हैं।

मौसम खुशगवार

श्रीडूंगरगढ़. क्षेत्र में शुक्रवार को आखातीज का पर्व धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाया गया। घरों में नए घड़े का पूजन कर पानी से भरा गया ओर खीचड़ा व इमली का पानी बनाया गया। वहीं किसानों ने कोरी मिट्टी की छोटी-छोटी तलाई बनाकर जमाने का शगुन लिया। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार शुक्रवार को क्षेत्र में मामूली बूंदाबांदी भी हुई। किसानों ने बताया कि आखातीज के दिन बारिश होना अच्छे जमाने का शगुन माना जाता है। श्रद्धालुओं ने अनेक गोशालाओं में दान पुण्य किया। मंदिरों में पानी के मटके भरकर दान दिए गए।

हुए कई कार्यक्रम

लूणकरनसर. अक्षया तृतीया पर शुक्रवार को कस्बे समेत ग्रामीण अंचल में कई कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। आखातीज के अबूझ सावे पर दिनभर बारातों की धूम रही। आखातीज पर लोगों ने दिनभर पतंग उड़ाकर पेंच लड़ाए। घरों में खींचड़ा बनाकर भोग लगाया। किसानों ने कृषि यंत्रों रा पूजन कर खेतों में जाकर सगुन मनाए। इसके अलावा लोगों ने दान-पुण्य किया। गोशाला की गायों को पशुआहार, हराचारा, गुड़ आदि खिलाकर पुण्य कमाया।