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बीकानेर एसीबी ने यूआईटी कैशियर और जूनियर अकाउंटेंट को 70 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

 
बीकानेर एसीबी ने यूआईटी कैशियर और जूनियर अकाउंटेंट को 70 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

बीकानेर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान में रिश्वतखोरी और करप्शन के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है. इस कड़ी में शुक्रवार को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने बीकानेर जिले में एक बड़ी कार्रवाई की. बीकानेर में एसीबी की टीम ने Urban Improvement Trust (UIT) के दो कर्मचारी को 70 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया. रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गए कर्मियों की पहचान गणेश कलवानी और मनीष कुमार के रूप में हुई है. गणेश कलवानी जूनियर एकाउंटेंट है जबकि मनीष कुमार नगर विकास न्यास (UIT) में कैशियर के पद पर काम करता था. जब एसीबी के अधिकारियों ने इन दोनों को गिरफ्तार किया तो दोनों मीडिया के सामने अपना चेहरा छिपाते हुए नजर आए. 

6 फरवरी को एसीबी को मिली थी मामले की शिकायत

मिली जानकारी के अनुसार यह कार्रवाई एसीबी एएसपी महावीर शर्मा के निर्देशन में सीआई आनंद मिश्रा की टीम ने की. इस मामले में एसीबी के इंस्पेक्टर आनंद मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि 6 फरवरी को एक कंपनी के मैनेजर उनके पास शिकायत लेकर आए थे और बताया था कि करीब 19 लाख के बिल के भुगतान के एवज में रिश्वत मांगी जा रही है. जिस पर एसीबी ने 7 फरवरी को शिकायत का सत्यापन करवाया और आज रिश्वत लेते हुए दोनों कर्मचारियों को कर लिया.

अन्य अधिकारियों से भी की जा रही पूछताछ

इंस्पेक्टर आनंद मिश्रा ने आगे बताया कि दोनों के पास से एसीबी ने 70 हजार रुपए बरामद किए है. इस मामले में अन्य अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है. साथ ही रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार हुए दोनों कर्मचारियों के घर और अन्य ठिकानों पर तलाशी की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है. 

19 लाख के बकाया बिल के लिए मांगे थे घूस

सीआई आनंद कुमार ने बताया कि यह राशि स्ट्रीट लाइट कंपनी के बकाया भुगतान की बदले में मांगी गई थी. मिली जानकारी के मुताबिक उदय बिल्ट प्राइवेट लिमिटेड के सुपरवाइजर अशोक कुमार ने ACB को घूस मांगने के संबंध में शिकायत दिया था. अपनी शिकायत में अशोक ने बताया कि उनकी कंपनी का 19 लाख का भुगतान नगर विकास न्यास में बकाया है. इस भुगतान की एवज में जूनियर अकाउंटेंट गणेश कलवानी और कैशियर मनीष खत्री ने 4.25 प्रतिशत कमीशन के हिसाब से 80 हजार रुपये का कमीशन मांगी. 

घूस लेने के कुछ ही देर बाद टीम ने किया गिरफ्तार

बातचीत के बाद बिल पास करने की एवज में 70 हजार रुपये देना तय हुआ था. जिसके बाद जब शिकायतकर्ता कैशियर मनीष खत्री, जूनियर अकाउंटेंट गणेश कलवाणी को रिश्वत की राशि दे रहा था, उसी समय पहले से ट्रैप की हुई एसीबी की टीम ने दोनों को नकद राशि के साथ गिरफ्तार कर लिया. एसीबी की इस कार्रवाई से बीकानेर यूआईटी ऑफिस में हड़कंप जैसी स्थिति दिखी.