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Bikaner 200 करोड़ से ट्रीटमेंट प्लांट बना, लेकिन गंदे पानी का निस्तारण नहीं

 
Bikaner 200 करोड़ से ट्रीटमेंट प्लांट बना, लेकिन गंदे पानी का निस्तारण नहीं

बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर पिछले पांच साल से प्रशासन सुजानदेसर स्थित कालीमाता मंदिर के पास खुले में गंदा पानी फेंक रहा है। इसके पास ही राजस्थान शहरी आधारभूत संरचना विकास परियोजना (आरयूआईडीपी) में 200 करोड़ रुपए का ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया है। ट्रीटमेंट प्लांट में सीवेज का पानी आता है। नालियों का गंदा पानी पास में बने गंदे पानी के तालाब में डाला जा रहा है। पिछले पांच साल से जमा गंदे पानी के कारण यहां रहने वाले लोगों का जीना मुश्किल हो गया है।

लोगों ने यूआईटी, नगर निगम और जिला प्रशासन को कई बार पत्र लिखे, शिकायतें कीं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।  टीम ने मौके पर जाकर देखा तो पता चला कि ट्रीटमेंट प्लांट में आधे शहर का सीवेज का पानी ही फिल्टर होता है। शहर की करीब 350 किलोमीटर लंबी सीवरेज लाइन को सुजानदेसर स्थित आरयूआईडीपी की ओर से तैयार ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ा गया है। प्लांट प्रभारी ने बताया कि ट्रीटमेंट प्लांट में रोजाना 350 किलोमीटर लंबे सीवरेज का पानी फिल्टर होता है। जिसका उपयोग नर्सरी के लिए किया जा रहा है।

ट्रीटमेंट प्लांट निगम को हस्तांतरित करने पर विवाद: प्लांट को लेकर आरयूआईडीपी और नगर निगम के बीच भी खींचतान चल रही है। आरयूआईडी के तहत प्लांट का निर्माण करवाने वाली राजकमल बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का तर्क है कि करीब छह माह पहले आरयूआईडीपी ने प्लांट निगम को हस्तांतरित कर दिया था, लेकिन अब वह इसे अपना नहीं मान रहा है। निगम और कंपनी के बीच विवाद के चलते ट्रीटमेंट प्लांट संचालित करने वाली कंपनी को दो साल से भुगतान नहीं मिला है।

प्लांट के पास डाला जा रहा गंदा पानी

शहरवासी सीवरेज, सड़क और अतिक्रमण जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं