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Bikaner साढ़े पांच साल में 14 हजार 423 लोग लापता, जानें कहां गए वो

 
Bikaner साढ़े पांच साल में 14 हजार 423 लोग लापता, जानें कहां गए वो

बीकानेर न्यूज़ डेस्क,  बीकानेर रेंज के करीब 17 सौ परिवारों का दर्द अब स्थाई टीस बन चुका है। इन परिवारों को वर्षों बाद भी आस है कि उनके घर के मुखिया अथवा बेटे-बेटियां वापस आएंगे और घर फिर से खुशियों से चहक उठेगा। कोई दुआ कर रहा है कि उसका बेटा घर लौट आए, तो कोई मांग के सिंदूर की सलामती की मनोकामना करता है।  गुमशुदा लोगों के आने की आस में वर्षों से सैकड़ों परिवार भगवान और पुलिस के भरोसे पर उमीद लगाए बैठे हैं। हम बात कर रहे हैं बीकानेर रेंज से लापता होने वाले बच्चों, पुरुषों, महिलाओं व बुजुर्गों की। इनकी संया बीकानेर रेंज में 1714 के आसपास है। रेंज के बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ व अनूपगढ़ थाना इलाके से पिछले साढ़े पांच साल में यह लोग गायब हुए हैं। बीकानेर रेंज में बीकानेर से 366, श्रीगंगानगर से 1017, हनुमानगढ़ से 226 और अनूपगढ़ से 105 लोग लापता हैं।

नाबालिग में सक्रियता, बाकी में खानापूर्ति

नाबालिग बालक-बालिकाओं के गुम होने के मामले में तो पुलिस सक्रियता से जांच करती है। तलाश के प्रयास भी होते हैं। 20 वर्ष आयु वर्ग से अधिक उम्र के गुमशुदा प्रकरण खानापूर्ति तक सीमित हैं। यही कारण है कि लापता होने वालों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। बीकानेर रेंज के श्रीगंगानगर जिले में सर्वाधिक पांच हजार 845 लोग लापता हुए, जिनमें से 1017 को आज तक पुलिस ढूंढ नहीं पाई है। हनुमानगढ़ जिले में 4 हजार 157 लोग लापता हुए, जिनमें से 226 का आज तक पता नहीं चला है। रेंज के बीकानेर जिले में साढ़े पांच साल में 3762 लोग गायब हुए, जिसमें से 366 को पुलिस अब तक तलाश नहीं कर पाई है।

स्वयंसेवियों-संगठन के भरोसे

शहर में कई ऐसे संगठन भी हैं, जो लापता होने वाले बच्चों-बुजुर्गों के परिजनों से सपर्क कर उनकी तस्वीरों और जानकारी को सोशल मीडिया पर वायरल करते हैं, ताकि यह जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे और लापता की तलाश में मदद मिल सके। बीकानेर में सावधान संस्था यह काम वर्षों से कर रही है। सावधान संस्थान के दिनेश सिंह भदौरिया बताते हैं कि उन्होंने पिछले 40 सालों में करीब छह हजार गुमशुदा लोगों को उनके परिजनों से मिलाया है, जो बीकानेर ही नहीं दूसरे जिलों व राज्यों के निवासी भी थे।