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Bikaner में 500 सीवर चैंबर लोगों के लिए बन रहे परेशानी का सबब, हर तरफ गड्ढे खोदे

 
Bikaner में 500 सीवर चैंबर लोगों के लिए बन रहे परेशानी का सबब, हर तरफ गड्ढे खोदे
बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर अमृत योजना के तहत शहर में सीवर लाइन बिछाने और चैबर निर्माण का कार्य चल रहा है। निर्माण कार्य की अव्यवस्था से हालात ऐसे है कि कई मार्गों पर यातायात जाम रहता है। कुछ मोहल्लों में तो लोगों का घरों से बाहर निकलना ही दुभर हो गया है। चैंबर निर्माण के लिए गड्ढ़े खोदकर छोड़ दिए जाते है, निर्माण कार्य कई दिन बात शुरू किया जाता है। चैबर निर्माण के बाद मिट्टी हटाकर सड़क को समतल कर साफ-सफाई का कार्य किया ही नहीं जाता। अभी तक सीवरेज प्रोजेक्ट के तहत महज 500 सीवर चैबर निर्माण का कार्य ही ठेकेदार फर्म ने शुरू कर रखा है। इसमें ही जनता की आफत आ गई है। ऐसे में 9 हजार चैबर निर्माण के लिए और गड्ढ़े खोदे जाएंगे तो हालात की कल्पना मात्र से कपकपी छूटने लगती है।

दोनों विधानसभा क्षेत्रों में चल रहा कार्य

अमृत योजना के तहत बीकानेर पूर्व और पश्चिम दोनों विधानसभा क्षेत्रों में सीवरेज निर्माण कार्य चल रहा है। बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में स्थित पुराने शहर में कम चौड़ाई की सड़कों पर यह कार्य होने से लोग अधिक परेशान हो रहे है। कई गलियों, मोहल्लों से निकलना दूभर बना हुआ है। कार्य भी धीमी गति से चल रहा है। पूर्व विधानसभा क्षेत्र में मुय मार्गों पर चल रहे सीवरेज कार्य से यातायात प्रभावित हो रहा है।

ढाई दर्जन स्थानोंपर खोदे पड़े चैबर

निगम सहायक अभियंता संजय ठोलिया के अनुसार प्रोजेक्ट के तहत सीवर चैंबर का कार्य होने के साथ-साथ रिफिलिंग भी की जा रही है। चैंबर के साइड में मिट्टी डालकर गड़ढ़े को भरा जा रहा है। यहां पुन: सड़क का निर्माण भी होगा। प्रोजेक्ट के तहत करीब नौ हजार सीवर चैंबर के गड्ढ़ों में कार्य होगा। करीब छह सौ का कार्य हो चुका है अथवा चल रहा है। संवेदक फर्म की दस टीमें कार्य कर रही है।

गड्ढ़ों से हो रही परेशानी

सीवरेज कार्य के लिए खोदे गड्ढ़ों से आमजन परेशान हो रहे है। बारिश का मौसम बन रहा है। शहर में बारिश के दौरान यह गड्ढ़े नासूर साबित होते है। हादसों का खतरा रहने के साथ ही सड़कों पर कीचड़ की परेशानी झेलनी पड़ती है।सीवर लाइन अथवा चैंबर बनाने के बाद गड्ढ़े को मिट्टी से पाटकर छोड़ा जाता है। जो बारिश के दौरान दौरान सड़क धंसने का कारण बनता है।