Bikaner कांग्रेस शासनकाल में तीन सौ प्रतिनियुक्तियां समाप्त, निदेशालय से भी हटाये जायेंगे
बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर शिक्षा विभाग ने करीब तीन सौ टीचर्स के डेपुटेशन रद्द कर दिए हैं। ये टीचर्स अपने मूल स्कूल में पढ़ाने के बजाय सुविधाजनक स्थानों पर काम कर रहे थे। कांग्रेस सरकार मे हुए ये सभी डेपुटेशन एक ही आदेश में रद्द किए गए हैं। अब शिक्षा विभाग के ऑफिस में काम कर रहे टीचर्स को भी हटाने की तैयारी की जा रही है। राज्य में करीब आठ सौ टीचर्स इन दिनों स्कूल के बजाय शिक्षा विभाग के ऑफिस में काम कर रहे हैं। सबसे पहले शिक्षा निदेशालय में कार्यरत 65 टीचर्स पर गाज गिर सकती है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष जोशी की ओर से जारी आदेश में शिक्षा विभाग के ऑफिस, स्कूल या फिर किसी भी परियोजना में काम कर रहे टीचर्स को कार्यमुक्त कर दिया गया है। इन टीचर्स को अब अपने मूल स्कूल में ही काम करना होगा। इनमें पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी.कल्ला के निजी सहायक संजय पुरोहित सहित तीन सौ से ज्यादा टीचर्स है। ये टीचर्स अपनी अपनी सिफारिश के दम पर गृह जिले के किसी स्कूल या ऑफिस में कार्यरत थे। अधिकांश ने शिक्षण व्यवस्था के नाम पर अपना तबादला करवा लिया था। अब इन सभी को उसी स्कूल में जाना होगा, जहां ये पहले पदस्थापित थे।
पुराने हटेंगे, नए होंगे डेपुटेशन
माना जा रहा है कि शिक्षा विभाग पुराने डेपुटेशन को हटाकर नए डेपुटेशन करेंगे। कांग्रेस सरकार ने लाभ उठा चुके टीचर्स को हटाकर भाजपा सरकार अपने स्तर पर नए डेपुटेशन करेगा। पिछले दिनों बीकानेर में पहले से लगे टीचर्स को 31 जनवरी तक हटा दिया गया। अब यहां नए सिरे से डेपुटेशन हो सकता है। दरअसल, नए प्राथमिक स्कूल में ग्रेड थर्ड के टीचर्स नहीं है। ट्रांसफर पर पाबंदी हैं, ऐसे में डेपुटेशन ही एकमात्र विकल्प है।
ऑफिस में काम कर रहे 800 टीचर्स
शिक्षा विभाग के राज्यभर में स्थित ऑफिस में करीब आठ सौ टीचर्स काम कर रहे हैं। ये टीचर्स डेपुटेशन पर नहीं बल्कि पद के साथ हैं। ऐसे में इन्हें डेपुटेशन वाले आदेश से नहीं हटाया जा सका। कांग्रेस सरकार में इन टीचर्स के लिए शिक्षा विभाग के ऑफिस में पद दिया गया। इसी पद पर ये टीचर्स लिपिकीय काम कर रहे हैं। इनमें ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों में बड़ी संख्या में टीचर्स काम कर रहे हैं। इसके अलावा प्रारम्भिक व माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में भी टीचर्स के 65 पद हैं। समसा, ओपन बोर्ड, शिक्षा संकुल सहित अनेक योजनाओं में टीचर्स पदस्थापित हैं।
सबसे पहले हटेंगे निदेशालय से टीचर्स
माना जा रहा है कि सबसे पहले शिक्षा निदेशालय में कार्यरत टीचर्स ही हटाए जाएंगे। यहां अनेक अनुभागों में टीचर्स के पद आवंटित हैं। जिसमें प्रिंसिपल लेवल से नीचे के पदों से टीचर्स को हटाया जाएगा। लेक्चरर, सेकंड ग्रेड, पीटीआई सहित अन्य टीचर्स को यहां से हटाकर वापस स्कूल भेजा जा सकता है। शिक्षा निदेशालय ने अपने पदों की गणना करके लिस्ट तैयार कर ली है। ये लिस्ट अब शिक्षा मंत्री को भेजी जा रही है। जिसमें 65 टीचर्स के नाम हैं और अधिकांश कांग्रेस राज में यहां पदस्थापित हुए हैं। सवाल ये खड़ा हो रहा है कि शिक्षा विभाग ने अनेक परियोजनाओं में टीचर्स को पदस्थापित कर रखा है। समग्र शिक्षा अभियान (समसा) में तो सौ से ज्यादा टीचर्स अलग-अलग जगह पदस्थापित हैं। इसके लिए प्रारम्भिक शिक्षा से जुड़ी योजनाओं में भी टीचर्स हैं। शिक्षा संकुल जयपुर में भी ऐसे टीचर्स काम कर रहे हैं। इन सभी को हटाने का प्रस्ताव फिलहाल सामने नहीं आया है लेकिन निदेशालय के टीचर्स विभाग के निशाने पर हैं।