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Bikaner कोविड काल में पीबीएम अस्पताल में बनाए गए थे 12 ऑक्सीजन प्लांट, अब दो ही चालू

 
Bikaner कोविड काल में पीबीएम अस्पताल में बनाए गए थे 12 ऑक्सीजन प्लांट, अब दो ही चालू
बीकानेर न्यूज़ डेस्क, बीकानेर कभी सुना है घर में जिस सामग्री की फैक्ट्री लगी हो, वही सामग्री बाहर से खरीद कर घर लाई जाए और उपयोग किया जाए? नहीं सुना है, तो सुन लीजिए और देख भी लीजिए। संभाग के सबसे बड़े अस्पताल यानी पीबीएम में लगे 12 ऑक्सीजन प्लांट ऐसी ही कारस्तानी की दिलचस्प बानगी बने तने हुए खड़े हैं। कोविड महामारी की आक्रामक लहर के दौरान ऑक्सीजन की किल्लत से मौत के आगोश में जा रही जिंदगियों से सबक लेते हुए सरकार की पहल पर इन ऑक्सीजन प्लांट्स की स्थापना की गई थी। सैकड़ों करोड़ रुपए प्लांट स्थापना पर खर्च हुए थे।

इसी कड़ी में संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में भी 12 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए थे। इनकी लागत तब करीब 6 करोड़ रुपए आई थी। स्थापना के कुछ दिनों तक तो प्लांट ठीक-ठीक चलते रहे, लेकिन जैसे ही कोविड लहर धीमी पड़ी। धीरे-धीरे यह प्लांट बंद होते गए और फिर से व्यवस्था बाहर से सिलेंडर आपूर्ति के ढर्रे पर चल पड़ी। अब आलम यह है कि पूरे साल में तकरीबन सवा करोड़ रुपए बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाने के नाम पर खर्च हो रहे हैं, जबकि अस्पताल परिसर में सीना तान कर खड़े दर्जन भर ऑक्सीजन प्लांट्स सफेद हाथी बने जैसे व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहे हैं।

प्रशासन कंपनी पर ढोल रहा जिम्मेदारी

अस्पताल प्रशासन से बात करने पर हालांकि कोई भी नाम से कुछ भी बताने को तैयार नहीं है। नाम गोपनीय रखने की शर्त पर इतना जरूर बताया गया कि पूरे मामले में कंपनी और अस्पताल प्रशासन की खींचतान जिम्मेदार है। जिस कंपनी ने प्लांट स्थापित किए थे, उसकी देखभाल का जिम्मा भी कंपनी का था। लेकिन अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अब उसने रिस्पॉंस देना बंद कर दिया है। हालांकि, उसके पीछे दूसरे कारणों को भी जिम्मेदार माना जा रहै है, लेकिन कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है यह कहते हुए कि सिर्फ बीकानेर ही नहीं, पूरे राजस्थान में ही ऑक्सीजन प्लांट्स को लेकर यही हाल है।

आठ माह के लिए बढ़ाया गया था टेंडर

इस समय अस्पताल में जो फर्म सिलेंडरों की आपूर्ति कर रही है। उसका पहला टेंडर मई 2022 को जारी किया गया था। शर्तों के अनुसार इस टेंडर की मियाद मई 2023 को समाप्त हो गई थी। फिर अस्पताल प्रशासन ने टेंडर की मियाद आठ माह बढ़ा दी। यह अवधि भी अब समाप्त होने वाली है। अब ठेकेदार ने 15 दिन का समय दिया है।

नए टेंडरों पर रोक

सरकार ने सभी तरह के नए टेंडरों पर फिलहाल रोक लगा रखी है। इस वजह से अस्पताल प्रशासन भी कुछ करने की स्थिति में नहीं है। चूंकि प्लांट काम नहीं कर रहे, इसलिए अस्पताल के पास एक ही विकल्प खुला है कि वह एक बार फिर टेंडर की मियाद बढ़ाए। इस समय 125 रुपए प्रति सिलेडर के हिसाब से अस्पताल में सिलेंडर आपूर्ति की जा रही है। संबंधित फर्म के ठेकेदार का कहना है कि यह राशि गाड़ी भाड़ा, श्रमिकों की मजदूरी तथा अन्य खर्च होने के कारण बहुत कम है। अगर सिलेंडरों की दर नहीं बढ़ाई गई, तो निकट भविष्य में सिलेंडरों की आपूर्ति करना संभव नहीं हो पाएगा।