राजस्थान के इस जिले में अब अपराधी भी बनेंगे शादी की शान, पुलिस की नई रणनीति से बारात में दिखेगा नया नजारा

बीकानेर न्यूज़ डेस्क - राजस्थान के बीकानेर जिले की सेंट्रल जेल में एक अनूठी और सराहनीय पहल की गई है, जो न केवल समाज की सोच बदलने का प्रयास है, बल्कि कैदियों के जीवन में भी नई रोशनी लेकर आई है। अब यहां कैदी न केवल अपनी सजा काटते नजर आएंगे, बल्कि वे शादी-ब्याह व अन्य सरकारी या निजी समारोहों में बैंड बजाते भी नजर आएंगे। इस पहल का उद्देश्य कैदियों को आत्मनिर्भर बनाकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है।
बीकानेर जिला उद्योग संघ की प्रेरणा से भामाशाह सुरेन्द्र जैन बधाणी ने जेल प्रशासन की इस अनूठी पहल के लिए कैदियों को ऐसी ही पोशाकें भेंट की हैं। इन पोशाकों को पहनकर जब कैदी किसी समारोह में बैंड बजाएंगे, तो न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि उनकी पहचान भी सम्मानजनक तरीके से सामने आएगी। पोशाक पाकर कैदियों में खुशी की लहर है।
जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने बताया कि जेल का उद्देश्य केवल सजा देना नहीं, बल्कि कैदियों को नई दिशा देना है, ताकि वे जेल से बाहर आने के बाद आत्मनिर्भर बन सकें और दोबारा अपराध के रास्ते पर न जाएं। जेल प्रशासन ने 18 बंदियों का एक विशेष बैंड समूह बनाया है, जिनका चयन उनके अच्छे आचरण और संगीत में रुचि के आधार पर किया गया है। इन बंदियों को वाद्य यंत्रों का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
भामाशाह सुरेन्द्र जैन और जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारका प्रसाद पचीसिया ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि यह सोच समाज को अपराधियों के प्रति नजरिया बदलने का संदेश देती है। कोई भी व्यक्ति जन्म से अपराधी नहीं होता और जब उनमें सुधार की इच्छा और प्रतिभा दिखती है तो समाज को उनका साथ देना चाहिए। यह पहल बंदियों के पुनर्वास की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।