अब डायबिटीज रोगी हो जाए सावधान, टाइप-3 मधुमेह से याददाश्त खोने का खतरा, जानें बचाव

भीलवाड़ा न्यूज़ डेस्क, बिगड़ रही जीवनशैली व असंतुलित भोजन से युवाओं में टाइप 3 मधुमेह का नया खतरा मंडरा रहा है। ज्यादातर युवा और प्रौढ़ में इसके लक्षण पाए गए। इस डायबिटीज में दिमाग प्रभावित होता है। याददाश्त से जुड़ी बीमारी डिमेंशिया का खतरा बढ़ता है। पिछले डेढ़ माह में भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल आए सौ मरीजों की जांच के बाद शोध में टाइप 3 मधुमेह पाया गया। खास बात यह है कि इन मरीजों की शिकायत याददाश्त को लेकर ही थी। इनमें अधिकतर का मधुमेह बढ़ा हुआ आया। इनमें याददाश्त से जुड़ी बीमारी डिमेंशिया का खतरा बढ़ा हुआ था। डिमेंशिया का संबंध इंसुलिन से है।
टाइप-3...
मस्तिष्क में इंसुलिन रेजिस्टेंस (प्रतिरोध) पैदा होने की वजह से न्यूरॉन्स ग्लूकोज का पर्याप्त इस्तेमाल नहीं होने से याददाश्त घटने लगती है। इसलिए इसे टाइप थ्री डायबिटीज नाम दिया है। उनकी दोबारा जांच करा दवा लेने व जीवन शैली व खानपान में बदलाव की सलाह दी गई।
युवाओं और प्रौढ़ में बढ़ रही डायबिटीज टाइप 3 बीमारी
ऐसे पहचाने शुरुआती टाइप
थ्री के लक्षण...
डॉक्टरों ने बताया कि मरीज में लोगों के नाम, चेहरा, जगहों और घटनाओं को याद रखने की क्षमता घटना इसके शुरुआती लक्षण है। आसान कामों को करने में समस्या होना, जानकारी होने के बावजूद निर्णय लेने में कठिनाई होना, व्यक्तित्व में अचानक बदलाव होने लगता हैं।
जागरुकता और जीवनशैली में सुधार की जरूरत
आउटडोर में प्रतिदिन 10 से 12 मरीज जांच में मधुमेह ग्रसित निकल रहे हैं। यह चिंताजनक है। इनमें अधिकांश में टाइप थ्री के लक्षण पाए गए। याददाश्त कम होना इसका बड़ा लक्षण है। इससे बचाव के लिए जीवनशैली में सुधार की जरूरत है। इस संबंध में लोगों को जागरूक होने की जरूरत है।