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MSME कंपनियों को झटका! 5 दिन में भुगतान नहीं तो होगा बड़ा नुकसान, अटक जाएंगे करोड़ों रूपए

 
MSME कंपनियों को झटका! 5 दिन में भुगतान नहीं तो होगा बड़ा नुकसान, अटक जाएंगे करोड़ों रूपए 

भीलवाड़ा न्यूज़ डेस्क - भीलवाड़ा आयकर विभाग की धारा 43(बी)(एच) के नए नियम के कारण सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) से माल खरीदने व बेचने वाले व्यापारियों की परेशानी बढ़ सकती है। एमएसएमई माल के बिलों का भुगतान 45 दिन में भी नहीं हो रहा है। यदि इस वित्तीय वर्ष के शेष पांच दिन में भुगतान नहीं किया गया तो यह संपूर्ण बकाया राशि व्यापारी की आय में जुड़ जाएगी। इस संपूर्ण बकाया राशि को लाभ मानकर व्यापारी को आयकर जमा कराना होगा। यह बकाया राशि चुकाने पर व्यापारी को यह कर राशि अगले वित्तीय वर्ष में ही दोबारा मिल सकेगी।

एमएसएमई उद्योगों से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि सरकार ने 45 दिन में भुगतान का नियम बना रखा है, लेकिन इसका पालन कोई नहीं कर रहा है। इसके कारण छोटे व्यापारियों को भी भुगतान को लेकर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। एक उद्यमी ने बताया कि भारत सहित राजस्थान व भीलवाड़ा के कई एमएसएमई उद्योगों का भुगतान लंबित है। यदि पांच दिन में यह राशि उनके बैंक खाते में जमा नहीं हुई तो उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 1 अप्रैल 2025 से बकाया राशि पर आय के रूप में टैक्स वसूला जाएगा।

तब तक हर व्यापारी का करोड़ों रुपया आयकर में जमा होने के कारण कारोबार से अवरुद्ध हो जाएगा। इन एमएसएमई उद्योगों पर उद्योगपतियों और व्यापारियों की करोड़ों की देनदारियां हैं। अगर 31 मार्च 2025 तक राशि का भुगतान नहीं किया गया तो यह सारी देनदारी देनदार की आय में जुड़ जाएगी। आयकर के नियमों के अनुसार इस पर 30 से 33 फीसदी टैक्स देना होगा। इससे इन एमएसएमई से माल लेने वाले व्यापारियों और उद्योगपतियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

अगर टर्नओवर 50 करोड़ है तो इस श्रेणी में शामिल होंगे सीए सोनेश काबरा ने बताया कि अगर एमएसएमई उद्योग को तय सीमा से पहले भुगतान नहीं किया जाता है तो आपने अपने लाभ-हानि खाते के अंदर जो भी खर्च क्लेम किया है, उसे आपकी आय माना जाएगा। एमएसएमई मंत्रालय के अनुसार प्लांटेशन मशीनरी में 10 करोड़ तक का निवेश करने वाले को भी इस श्रेणी में शामिल किया जाएगा। पिछले वित्तीय वर्ष में 50 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली कंपनियां लघु उद्यम श्रेणी में आएंगी।