जैन मंदिर में चोरी का सनसनीखेज! करोड़ों रूपए का सोना-चांदी लेकर फरार हुआ युवक, सीसीटीवी में कैद हुई पूरी घटना
भीलवाड़ा के जैन मंदिर से चोरों ने करीब 1 करोड़ का सोना चुरा लिया। इसके साथ ही 3 किलो चांदी और अष्टधातु से बना कछुआ भी चुरा लिया। घटना गुरुवार रात 12 से 1 बजे के बीच की बताई जा रही है। पूरी वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई है। चोरी की सूचना मिलने के बाद एडिशनल एसपी राजेश आर्य समेत तमाम पुलिस अधिकारी जहाजपुर स्थित स्वस्ति धाम जैन मंदिर (जहाज जैन मंदिर) पहुंचे और जानकारी ली।
सुबह जब श्रद्धालु पहुंचे तो पता चला कि
मंदिर में मुनिसुव्रतनाथ की प्रतिमा है। शुक्रवार सुबह कई श्रद्धालु (श्रावक-श्राविका) मंदिर में दर्शन करने आए थे। यहां प्रतिमा पर लगा आभामंडल (पिछला हिस्सा) गायब था। इसके बाद सीसीटीवी फुटेज खंगाली गई। पता चला कि चोर आभामंडल ले गए। इस पर 1 किलो 300 ग्राम सोना लगा हुआ था। इसकी कीमत 1 करोड़ 30 लाख रुपए आंकी गई है। इस आभा पर 3 किलो चांदी भी लगी थी। इसकी कीमत करीब तीन लाख रुपए है।
दुपट्टे के सहारे खिड़की से निकला चोर
सीसीटीवी फुटेज में एक चोर सफेद शर्ट और नीली पैंट में नजर आ रहा है। वह कुछ देर तक प्रतिमा के इर्द-गिर्द घूमता है, फिर प्रतिमा के पीछे लगे आभा को उठाता है। यह आभा सोने और चांदी से बनी थी। चोर आभा लेकर दुपट्टे के सहारे खिड़की से नीचे उतरता है और चला जाता है।
मंदिर कमेटी ने दी रिपोर्ट
स्वस्ति धाम दिगंबर जैन मंदिर की कमेटी ने जहाजपुर थाने में रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि मंदिर के गर्भगृह में मुनि सुव्रत नाथ भगवान की प्रतिमा स्थापित है। इस प्रतिमा के सिर के पीछे सूर्य आभा लगी है। यह आभा सोने और चांदी से बनी है। चोर आभा, सोने की पॉलिश से बना यंत्र और अष्टधातु से बना कछुआ ले गया।
50 लोग भी नहीं उठा पाए मूर्ति भीलवाड़ा में श्री 1008 मुनिसुव्रतनाथ भगवान का जहाजनुमा मंदिर है। बताया जाता है कि 2013 में महावीर जयंती पर मंदिर से 4 किमी दूर एक मुस्लिम व्यक्ति के घर में श्री 1008 मुनिसुव्रतनाथ भगवान की मूर्ति मिली थी। प्रशासन ने मूर्ति को अपने कब्जे में लेने के लिए जेसीबी बुलाई और उसे बाहर निकालने का प्रयास किया। इसके बाद जैन समाज के लोगों ने मिलकर मूर्ति को उठाकर एक ठेले पर रख दिया। उन्होंने मूर्ति को उठाकर मंदिर के तहखाने में स्थाई रूप से रख दिया। इसके बाद 50 लोगों ने मिलकर बल लगाया, लेकिन मूर्ति को हिला नहीं पाए।
