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11 लाख की रिश्वत मामला: आरोपी डॉ. पंकज छिपा ने पूछताछ में किए चौंकाने वाले खुलासे

 
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आयुष्मान भारत योजना के तहत 11 लाख रुपए की रिश्वत मामले में गिरफ्तार आरोपी डॉ. पंकज छिपा ने पूछताछ के दौरान चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। आरोपी ने बताया कि उसके साथी आयुष्मान भारत जांचकर्ता डॉ. कुलदीप के कहने पर उसने सिद्धिविनायक अस्पताल के बिलों में भारी अनियमितता बताकर उन्हें पास नहीं किया।

सूत्रों के अनुसार, डॉ. पंकज ने पुलिस और जांच एजेंसियों को बताया कि डॉ. कुलदीप ने उसे अस्पताल के बिलों में कथित गड़बड़ी दिखाने और उनका भुगतान रोकने के निर्देश दिए थे। इसके बदले अस्पताल प्रबंधन से कथित तौर पर रिश्वत की मांग की गई थी। आरोपी के अनुसार यह योजना आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत मरीजों के इलाज के बिलों के भुगतान से जुड़ी थी।

जाँच अधिकारियों का कहना है कि यह मामला आयुष्मान भारत योजना में संभावित भ्रष्टाचार और अनुचित लाभ लेने की कोशिश का गंभीर संकेत देता है। आरोपी के खुलासों से आगे की जांच के लिए महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जिनसे योजना के संचालन में शामिल अन्य लोगों की भूमिका का पता लगाया जा सकता है।

डॉ. पंकज की पूछताछ में यह भी सामने आया कि आरोपी और उसके साथी ने अस्पताल के बिलों को लेकर कई बार मनमानी कार्रवाई की थी। इस तरह की गड़बड़ी से न केवल योजना का पैसा प्रभावित हुआ, बल्कि मरीजों के हितों पर भी असर पड़ा।

पुलिस और आयुष्मान भारत जांच टीम अब मामले में जुड़े अन्य अधिकारियों और अस्पताल प्रबंधन से भी पूछताछ कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि आरोपी के दिए गए खुलासे आगे की जांच को आसान बनाएंगे और भ्रष्टाचार के पूरे नेटवर्क का खुलासा करने में मदद करेंगे।

इस मामले ने स्वास्थ्य योजनाओं में भ्रष्टाचार और अनियमितता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में समय रहते सख्त कार्रवाई और पारदर्शिता सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है, ताकि योजना के लाभार्थियों को नुकसान न पहुंचे और सरकारी योजनाओं की विश्वसनीयता बनी रहे।

आयुष्मान भारत योजना के तहत इस तरह की अनियमितताओं का मामला राज्य और केंद्र सरकार के लिए चेतावनी की तरह है। जांच एजेंसियां मामले की गहनता से जांच कर रही हैं और जल्द ही साक्ष्य और आरोपों के आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।