गांवों की प्यास बुझाने के लिए रोज़ 1 किलोमीटर लंबी नदी पार, जोखिम भरे जल में उतरते हैं लोग
राजस्थान के कुछ गांवों के लोग रोज़ पानी की प्यास बुझाने के लिए अपनी सुरक्षा दांव पर लगाते हैं। लोगों ने यह तरीका अपनाया है कि वे लगभग 1 किलोमीटर लंबी नदी को पार करके पानी के स्रोत तक पहुंचते हैं। इस प्रक्रिया में उन्हें न केवल तेज बहाव का सामना करना पड़ता है, बल्कि नदी में मौजूद कई जहरीले और खतरनाक जीवों का भी जोखिम उठाना पड़ता है।
स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि यह उनकी जीवन शैली का हिस्सा बन गया है। गांव में पाइपलाइन या अन्य सुरक्षित जल स्रोत नहीं होने के कारण रोज़मर्रा की पानी की जरूरतें पूरी करने के लिए लोग नदी में उतरते हैं। नदी का पानी पीने, घरेलू उपयोग और पशुओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
वीडियो में दिखाया गया है कि लोग मोटर चलाने के लिए भी नदी पार करते हैं। तेज बहाव और कीचड़ भरे पानी के बीच यह काम खतरनाक होने के बावजूद ग्रामीणों के लिए अनिवार्य है। स्थानीय लोगों ने बताया कि नदी में कई तरह के जीव, जैसे सर्प और अन्य जहरीले जीव भी मौजूद हैं, जिससे खतरा और बढ़ जाता है।
स्थानीय प्रशासन और जल आपूर्ति विभाग ने अब तक इस समस्या का समाधान नहीं किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह का जोखिम भरा अभ्यास स्वास्थ्य और जीवन दोनों के लिए खतरनाक है। वहीं, ग्रामीणों ने कहा कि पानी की कमी के कारण उन्हें रोज़ यह जोखिम उठाना पड़ता है।
इस वीडियो और रिपोर्ट के माध्यम से ग्रामीणों की कठिनाइयों और जोखिमपूर्ण जीवनशैली को उजागर किया गया है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को तुरंत इस क्षेत्र में सुरक्षित जल आपूर्ति के उपाय करने चाहिए, ताकि ग्रामीणों को रोज़ नदी पार करने की आवश्यकता न पड़े और उनका जीवन सुरक्षित रह सके।
