Bhilwara टेक्सटाइल एंड अपेरल पॉलिसी के अभाव में कपड़ा कारोबार नहीं पकड़ पा रहा गति
भीलवाड़ा न्यूज़ डेस्क, राज्य सरकार राजस्थान टेक्सटाइल एंड अपेरल पॉलिसी-2024 का ड्राट जारी कर नीति बनाना भूल गई है। टेक्सटाइल की पॉलिसी नहीं होने से प्रदेश के उद्योग विस्तार नहीं कर पा रहे हैं। खास बात है कि नवबंर 2024 में भीलवाड़ा में इन्वेस्टर समिट में हुए एमओयू भी धरातल पर नहीं उतर पाए हैं। जो उद्योग काम कर रहे है, उनका विस्तार भी थम सा गया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में टेक्सटाइल बड़ा सेक्टर है। भीलवाड़ा, ब्यावर, किशनगढ़, पाली, बालोतरा, बीकानेर, जोधपुर तथा जसोल में कई उद्योग टेक्सटाइल से जुड़े हैं। भीलवाड़ा छोड़कर किसी भी जिले में अत्याधुनिक मशीन नहीं लग पाई है। इसकी मुय वजह कपड़ा नीति का अभाव है।
पॉलिसी आने पर ये फायदे : टेक्सटाइल पॉलिसी जारी होती तो उद्यमियों को कई फायदे होंगे। नई मशीनें आने की संभावना बढ़ेगी। टेक्नॉलोजी का विस्तार होगा। निजी टेक्सटाइल पार्क या अप्रेरल पार्क आएगा। उद्योग में 200 सीट का ट्रेनिंग सेंटर खुलेंगे। इसमें पांच साल में 20 करोड़ का अनुदान मिलेगा। जमीन का भू रूपान्तरण कराने पर शुल्क लगेगा, उसे पॉलिसी के माध्यम से अनुदान के रूप में पुन: मिलेगा। कैपिटल अनुदान 25 प्रतिशत तक मिलने की संभावना है। ब्याज अनुदान 5 या ब्याज का 50 प्रतिशत मिलेगा। स्किल्ड डेवलपमेंट पर प्रति श्रमिक 5 हजार रुपए देने का प्रावधान है। राजस्थान में प्रति वर्ष 10 हजार श्रमिक को प्रशिक्षण देनी की बात सरकार ने कही थी।
ये हो रहा नुकसान
पॉलिसी के अभाव में नए उद्योग नहीं लग पा रहे है। इंवेस्टर समिट में एमओयू भी पॉलिसी का इंतजार कर रहे है ताकि उद्योग लगाने का फायदा मिल सके। नई मशीनों पर आयात कम हो गया। प्रदेश में नई टेक्नॉलोजी नहीं आ पा रहा है। उद्यमियों का कहना है कि इंवेस्टर समिट में केवल टेक्सटाइल सेक्टर के 5 हजार करोड़ के एमओयू हुए थे। इनमें से करीब 3 हजार करोड़ के एमओयू पॉलिसी की इंतजार में है।
सरकार ने मांगे थे सुझाव
सरकार ने अक्टूबर में प्रदेश के औद्योगिक संगठनों से नीति को लेकर सुझाव मांगे थे। भीलवाड़ा व अन्य जिलों से कई सुझाव आए लेकिन ना इन्हें ड्राट में शामिल किया और ना ही नीति जारी की गई। कपास उत्पादन में राजस्थान बड़ा केंद्र है। प्रदेश में टेक्सटाइल सेक्टर ने करीब 7 लाख लोगों को रोजगार दे रहा है। इनकी संया बढ़ाने को नीति जारी करनी होगी। विभिन्न संगठनों ने टेक्सटाइल सेक्टर की मजबूती के लिए अलग से टेक्सटाइल मंत्रालय खोलने की मांग की।
