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Bhilwara में चिता भस्म से खेली होली, श्मशान में निकाली गई बारात

 
Bhilwara में चिता भस्म से खेली होली, श्मशान में निकाली गई बारात

भीलवाड़ा न्यूज़ डेस्क, आधी रात को चिता की उड़ती राख, श्मशान के बीचों-बीच ढोल-नगाड़ों के साथ भगवान की बारात, चिंता की चिंगारी पर जलती हुई हवन-धूप... यह नजारा देखकर हर कोई सहम जाए। भीलवाड़ा में यह परंपरा साधु-संतों या अघौरी द्वारा नहीं, बल्कि शहरवासी पिछले 15 वर्षों से निभा रहे हैं.

यह स्थान है भीलवाड़ा के पंचमुखी मोक्ष धाम स्थित श्री प्राचीन मसाणिया भैरव नाथ मंदिर। यह राजस्थान का एकमात्र मंदिर है जहां आधी रात को चिता की राख से होली खेली जाती है। इसमें न केवल भीलवाड़ा बल्कि आसपास के जिलों से भी श्रद्धालु भाग लेते हैं। मंदिर के युवा अध्यक्ष रवि कुमार सोलंकी ने बताया कि पंचमुखी मोक्ष धाम और उसमें स्थित प्राचीन श्री मसाणिया भैरव नाथ मंदिर 400 वर्ष से भी अधिक पुराना है। 15 साल पहले शहर के लोगों ने इसका जीर्णोद्धार कराया था।

तभी से यहां भक्तों द्वारा पारंपरिक तरीके से मसाणिया भैरूनाथ को होली खिलाई जाती है। इसके तहत रात 12 बजे ढोल-ताशों के साथ भक्तों की टोली श्मशान घाट पहुंची. श्मशान में ही चिता जलाने वाली जगह पर पूजा की गई और 1008 मोमबत्तियों की होली जलाई गई.

अब तक सिर्फ पूजा होती थी, पहली बार होली दहन किया गया. मसानिया भैरूनाथ को चिता की राख से होली खिलाई गई। मंदिर के पुजारी संतोष कुमार खटीक ने बताया कि रात 12 बजे से सुबह 4 बजे तक डीजे पर बज रहे भजनों के बीच भैरव भक्तों ने चिता भस्म से होली खेली।