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Bhilwara में भीषण गर्मी की मार, पारा 45 डिग्री के पार, आमजन परेशान

 
Bhilwara में भीषण गर्मी की मार, पारा 45 डिग्री के पार, आमजन परेशान 

भीलवाड़ा न्यूज़ डेस्क, भीलवाड़ा सहित प्रदेश में गर्मी अपना रुद्र रूप दिखा रही हैं सूर्य उदय के साथ ही प्रचंड गर्मी पड़ना शुरू हो जाती हैं वही नौतपा 23 मई से शुरू हो चुका है जो की 2 जून तक इसका सीधा असर देखने को मिलेगा. एक तरफ जहां प्रचंड गर्मी की रुद्रता देखने को मिल रही है वहीं राजस्थान प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती से जनजीवन अस्त व्यस्त होता दिखाई दे रहा है. इस बार गर्मी का पारा 45 डिग्री के पार पहुंच गया है वही राहत के लिए लगे ऐसी कूलर पंखे बिजली कटौती के चलते नकारा साबित होते दिखाई दिए हैं जिसके चलते आमजन के पसीने छूट ते दिखाई दे रहे है सरकारों के 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के वादे थोथे नजर आ रहे हैं तो विपक्ष के नेताओं को प्रचंड गर्मी में राजनेतिक चुटकियां लेने का मौका मिल रहा है.

नौतपा क्या है?

नौतपा को लेकर कारोई के प्रख्यात ज्योतिष शास्त्र के ज्ञाता पंडित गोपाल व्यास ने बताया की शास्त्रों के अनुसार नौतपा के अंतर्गत कहा जाता है कि सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने के बाद नौ दिन का नौतपा रहता है. ये रोहिणी नक्षत्र 23 मई से प्रारंभ होकर 2 जून तक रहेगा वैसे सूर्य आगामी 8 जून तक रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे ऐसे में गर्मी के सीजन में यह नौतपा के 9 दिन सबसे अधिक गर्मी वाले होते हैं. क्योंकि इस दौरान सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती है जिससे तापमान बढ़ जाता है इस दौरान तेज गर्मी के साथ साथ लू और तेज हवाएं भी चलती हैं वही इस दौरान बारिश भी होती हैं नौतपा के दौरान हुई बारिश को अच्छा आने वाले समय का संकेत माना जाता है.

तेज गर्मी के बीच बिजली कटौती

गर्मी के तीखे तेवर ओर तपन के बीच बिजली की आंख मिचौली आमजन के लिए कोढ़ में खाज का काम कर रही है. कपड़ा नगरी भीलवाड़ा में तापमान लगातार 45 से 46 डिग्री के बीच झूल रहा है. इस दौर में बिजली की घोषित और अघोषित कटौती ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है. भीलवाड़ा में करीब 3 लाख 53 हजार घरेलू कनेक्शन और 61 हजार 712 कृषि कनेक्शन धारकों के लिए बिजली बेरन बनी हुई है. बराबर बिल चुकाने के बावजूद बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है.

आधुनिक युग में पुराना सिस्टम बना समस्या का जन्मदाता

गर्मी बढ़ने के साथ-साथ बिजली निगम के लच्चर सिस्टम के चलते मांग व आपूर्ति का गणित गड़बड़ाने लगा है. आलम यह है कि बिजली निगम के पुराने जमाने के सिस्टम पर लगातार बढ़ते लोड के चलते उपकरण जवाब देने लग जाते हैं और ट्रांसफार्मर जल जाते है जिसके कारण घोषित बिजली कटौती के साथ अघोषित बिजली भी शुरू हो जाती है.

जिले को चाहिए इतनी बिजली

भीलवाड़ा जिले में सामान्य दिनों में 564 मेगावाट बिजली की डिमांड रहती है वही डिमांड गर्मी बढ़ने के साथ ही धीरे-धीरे मई में 669 मेगावाट तक पहुंच जाती है लेकिन बिजली विभाग के पास असीमित और पुरानी तकनीकी के उपकरणों के चलते बढ़े बिजली भार की पूर्ति करने में असमर्थता आ जाती है जिसके कारण अघोषित और घोषित बिजली कटौती की समस्या आ बन पड़ती हैं. 

दिन रात कट रही बिजली

एक ओर जहां ठंड के मौसम में बिजली सप्लाई की व्यवस्था को दुरुस्त करने के नाम पर पांच से छह घंटे बिजली काटी जाती रही है. वही जैसे-जैसे गर्मी का पारा बढ़ता है, वैसे-वैसे पावर कट की समस्या शुरू हो जाती है. दिन हो या रात बिजली कट हो रही है. इससे एक ओर जहां आम लोगों का घरेलू कामकाज बाधित होता है, वहीं व्यापार भी प्रभावित हो रहा है. दरअसल, तापमान में हर दिन उतार चढ़ाव हो रहा है. गर्मी बढ़ते ही शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कट-ऑफ शुरू हो जाता है शहरी क्षेत्रों में 18 से 20 घंटे ही बिजली मिल रही है.

बिजली की कोई समय-सीमा नहीं

कुछ ग्रामीण इलाकों में बिजली के आने-जाने का कोई समय निर्धारित नहीं है, इससे उपभोक्ता परेशान हैं. विद्यार्थियों को भी बिजली की आंख मिचौली के कारण पठन-पाठन में दिक्कत हो रही है. एक सप्ताह से शहर से गांव तक बिजली की आंख मिचौली का खेल पिछले 15 दिनो से चल रहा है. उपभोक्ता को काफी फजीहत झेलनी पड़ रही है. भीषण गर्मी में भी बिना सूचना लोडशेडिंग के नाम पर आपूर्ति को बंद कर दिया जाता है वही किसानों को मिलने वाली बिजली का तो कोई हिसाब ही नहीं है कब आ जाये और कब चली जाए बिजली.

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने कसा तंज

राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच बिजली कटौती के हालात ने जनता की परेशानी बढ़ा दी है. उत्पादन और डिमांड में 1500 से 2500 मेगावाट तक अंतर गहरा गया है, जिससे ग्रामीण इलाकों के बाद अब छोटे शहरों में भी अघोषित रूप से बिजली कटौती की जा रही है. बिजली कटौती पर कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक गहलोत ने चिंता जताते हुए बड़ा बयान दिया. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सभी जिलों से अघोषित बिजली कटौती की शिकायत आ रही हैं.  बीजेपी ने घोषणा पत्र में 24 घंटे घरेलू बिजली का वादा किया था. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा दावा कर रहे हैं कि घोषणा पत्र के 45 फीसदी वादे पूरे कर दिए परन्तु ये दावा पूरी तरह हवा हवाई साबित हो रहा है. मुख्यमंत्री को 6 माह से जारी भारत भ्रमण छोड़कर प्रदेश की जनता की ओर देखना चाहिए, जो इस गर्मी में बिजली कटौती से त्रस्त है.