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Bhilwara डीएसपी की ओर से पेश एफआर ने आईजी की एफआर मंजूरी कोर्ट में खारिज होने पर जताई हैरानी

 
Bhilwara डीएसपी की ओर से पेश एफआर ने आईजी की एफआर मंजूरी कोर्ट में खारिज होने पर जताई हैरानी 

भीलवाड़ा न्यूज़ डेस्क, भीलवाड़ा मंडल कस्बे में परिसर निर्माण के दौरान 5 फीट जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच हुए विवाद में अजमेर आईजी रूपिंदर सिंह के निर्देश पर डीएसपी बंशीलाल द्वारा की गई जांच को मंडल एसीजेएम कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया है. सीआरपीसी के नोटिस पर आवेदक द्वारा दिए गए जवाब के आधार पर ही मामले में निष्कर्ष देना, पूरी रिसर्च को नजरअंदाज कर घटना नहीं हुई मानकर एफआर पेश करना और इसके लिए अजमेर आईजी की मंजूरी आश्चर्यजनक है। कोर्ट ने आदेश की कॉपी एडीजी क्राइम को भी भेजने का आदेश दिया है। इस मामले में डीएसपी की जांच के आधार पर आईजी ने प्रतापनगर के तत्कालीन सीआई राजेंद्र गेदरा, मंडल थाने के एएसआई चंद्रप्रकाश और तत्कालीन पुर सीआई शिवराज गुर्जर के लाइन को करीब सवा महीने पहले निलंबित कर दिया था.

करीब डेढ़ साल पहले किशनलाल सैनी नाम के व्यक्ति का मंडल बस स्टैंड के पास परिसर बन रहा था। इस पर पड़ोस में रहने वाले रामजस टांक व उसकी पत्नी मंजूलता ने विरोध किया तो विवाद हो गया। इसके बाद पड़ोस के प्लॉट की मालकिन मंजूलता ने अपने दस्तावेजों को कॉम्प्लेक्स के पीछे 5 फीट जगह के बजाय पश्चिम दिशा में 5 फीट जगह पर ट्रिम कर दिया और इन दस्तावेजों को पुलिस जांच के दौरान पेश कर दिया. किशनलाल सैनी ने जब कोर्ट से कांप्लेक्स के दस्तावेजों की मूल प्रति निकलवाई तो उसमें कहीं भी काट-छांट नहीं हुई थी. इस पर किशनलाल ने रामजस टांक के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया। इस मामले में एफआर लगाई गई थी।

परिवादी किशन सैनी ने मंडल एसीजेएम कोर्ट में परिवाद पेश किया। सुनवाई के बाद एसीजेएम रश्मी नवल ने एडम वाकु एफआर को खारिज करते हुए खारिज कर दिया। आदेश में आरोपी रामजस टांक व उसकी पत्नी मंजूलता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471, 465 व 120बी के तहत संज्ञान लिया गया. आराेपी रामजस के माध्यम से नोटिस व स्वीकृति की साक्ष्य सूची पेश करने पर 10 हजार रुपये के जमानती वारंट से तलब किया गया. इस मामले में किशन सोनी की ओर से अधिवक्ता सूरज सनाढ्य पेश हुए।

आईजी ने चारों आईओ से पूछताछ के बाद रिजर्व डीएसपी को जांच के लिए भेजा... रामजस टांक की शिकायत पर आईजी सिंह ने मामले की जांच रेंज के रिजर्व डीएसपी बंशीलाल को सौंपी. डीएसपी बंशीलाल ने चारे की इन जांचों को दरकिनार करते हुए सीआरपीसी की धारा 91 के तहत दिए गए नोटिस के जवाब में आराेपी टैंक द्वारा दिए गए बयानों को सही मान लिया। इन बयानों में आरोपियों ने कहा था कि दस्तावेज में पश्चिम दिशा में 5 फुट जमीन गिरने का जिक्र है. जबकि बयान में इस दावे को साबित करने के लिए मनगढ़ंत, काट-छांट वाले दस्तावेज पेश किए गए. बयान के आधार पर ही मामले में एफआर दर्ज की गई थी।