मनरेगा का नाम बदलने और अरावली संरक्षण को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन, सूचना केंद्र चौराहे पर दिया धरना
केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा योजना का नाम बदलने और अरावली पर्वतमाला के संरक्षण से जुड़े मुद्दों को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी (ग्रामीण) की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया। यह धरना प्रदर्शन सूचना केंद्र चौराहे पर आयोजित किया गया, जिसकी अगुवाई पूर्व राजस्व एवं वन पर्यावरण मंत्री रामलाल जाट ने की। प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और दोनों मुद्दों पर अपना विरोध दर्ज कराया।
धरने को संबोधित करते हुए रामलाल जाट ने कहा कि मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजना ने ग्रामीण भारत के करोड़ों लोगों को रोजगार देने का काम किया है। उनका आरोप है कि केंद्र सरकार इस योजना का नाम बदलकर उसकी मूल भावना और पहचान को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मनरेगा सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण गरीबों के लिए रोजगार की गारंटी है, जिसे कमजोर करना कांग्रेस किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेगी।
पूर्व मंत्री ने अरावली पर्वतमाला के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अरावली न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे उत्तर भारत के पर्यावरण संतुलन के लिए बेहद अहम है। अरावली के संरक्षण के नाम पर दिखावे की बातें की जा रही हैं, जबकि जमीनी स्तर पर अवैध खनन और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियां जारी हैं। रामलाल जाट ने मांग की कि अरावली क्षेत्र में अवैध खनन पर सख्ती से रोक लगाई जाए और पर्यावरण संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
धरना प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार के फैसलों से ग्रामीण मजदूरों और किसानों पर सीधा असर पड़ रहा है। मनरेगा के नाम में बदलाव से योजना की पहचान और इसके कानूनी स्वरूप पर असर पड़ सकता है। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार रोजगार देने के बजाय योजनाओं के नाम बदलने में व्यस्त है।
इस मौके पर जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के कई पदाधिकारी, कार्यकर्ता और स्थानीय नेता मौजूद रहे। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए और अपनी मांगों को जोर-शोर से रखा। धरना शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ।
कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार ने मनरेगा और अरावली संरक्षण को लेकर अपने फैसलों पर पुनर्विचार नहीं किया, तो पार्टी आने वाले समय में आंदोलन को और तेज करेगी। प्रदर्शन के जरिए कांग्रेस ने यह संदेश देने की कोशिश की कि ग्रामीण रोजगार और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े मुद्दों पर वह किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी।
