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Bhilwara ज्ञान प्राप्ति में उम्र और शारीरिक विकलांगता नहीं बनती बाधा

 
Bhilwara ज्ञान प्राप्ति में उम्र और शारीरिक विकलांगता नहीं बनती बाधा 

भीलवाड़ा न्यूज़ डेस्क, उम्र और शारीरिक अक्षमता कभी भी ज्ञान प्राप्त करने और सीखने में बाधा नहीं बनती। सीखे गए ज्ञान की उचित प्रस्तुति ही छात्रों को सफलता दिलाती है। सीखने की यह प्रक्रिया जीवन भर चलती रहती है। यह बात अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं साहित्यकार डॉ. शंभूनाथ तिवारी ने कही। वे माणिक्यलाल वर्मा महाविद्यालय के हिन्दी विभाग द्वारा आयोजित अभिव्यक्ति कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। उनके अनुसार छात्रों को अपने दृष्टिकोण, व्यवहार और चरित्र में सुधार करके अपने व्यक्तित्व का विकास करना चाहिए।

विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष रंजन ने स्वागत एवं परिचय प्रस्तुत करते हुए साहित्य जगत में डॉ. तिवारी के योगदान का उल्लेख किया। प्राचार्य डॉ. राजकुमार चतुर्वेदी ने छात्रों के विद्वानों के साथ संवाद को वर्तमान शिक्षा की अहम जरूरत बताया। सहायक प्रोफेसर डॉ. नारायणलाल माली प्रो. विद्यार्थियों को तिवाड़ी से जुड़े अपने संस्मरण सुनाए। समर्थक। अनंत दाधीच ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में संकाय सदस्य प्रो. सविता टांक, डॉ. राजश्री सेठी, डॉ. नेमीचंद कुमावत, डॉ. प्रवीण कुमार जोशी, मोहन लाल खटीक, भावना चौधरी, डॉ. विशाल तिवारी ने भाग लिया। सौम्या सुखवाल, पूजा रामवानी दिनेश बैरवा, दिनेश प्रजापत, प्रियंका शर्मा, निरमा कुमावत, कन्हैया लाल कुमावत, राजेंद्र रेगर आदि मौजूद थे।