भक्ति और आस्था का संगम! राजस्थान के इस जिले में नवरात्रि में जलेंगे 5100 अखंड दीप, 120 फीट लंबी गुफा में सजेगा मां का दरबार

भीलवाड़ा न्यूज़ डेस्क - धार्मिक नगरी भीलवाड़ा में इस वर्ष 30 मार्च से शुरू हो रहे ग्रीष्मकालीन नवरात्र एवं नव संवत्सर महोत्सव श्रद्धालुओं के लिए खास रहेगा। संकट मोचन हनुमान मंदिर के महंत बाबूगिरी महाराज की पहल पर महामंडलेश्वर हंसाराम महाराज के सानिध्य में हरिशेवा धाम में पहली बार भव्य आयोजन होने जा रहा है।
9 दिन तक जलाए जाएंगे 5100 अखंड दीपक
इसके तहत नवरात्र में 9 दिन तक 5100 अखंड दीपक जलाए जाएंगे। इन दीपकों को जलाने के लिए करीब 800 टिन तेल का उपयोग किया जाएगा। दीपक दर्शन के लिए 120 फीट लंबी गुफा में माता वैष्णो देवी का दरबार सजाया जाएगा। दीपकों में भरने के लिए हरिशेवा धाम में तेल के टिन पहुंच गए हैं। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की कामना
हरि सेवा धाम उदासीन आश्रम के महामंडलेश्वर हंसाराम ने बताया कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की कामना के साथ नवरात्र में 9 दिनों तक भीलवाड़ा में 5100 अखंड दीप जलाए जाएंगे। नव संवत्सर उत्सव भी मनाया जाएगा। इसी कामना के साथ भारत में पहली बार ऐसा हो रहा है कि 5100 दीप लगातार जलाए जा रहे हैं। यह आयोजन देश में सुख, शांति और समृद्धि तथा शहर में सुख, शांति और समृद्धि के लिए किया जा रहा है।इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि देश के प्रधानमंत्री जो स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देते हैं, हमने भी स्थानीय स्तर पर मिट्टी के दीये तैयार करवाए हैं, दीये की बाती लाख से बनेगी और तेल भी भीलवाड़ा की वैदिक शुद्ध मूंगफली का होगा। हम हर चीज को पवित्रता के साथ ध्यान में रख रहे हैं और हमारी मुख्य कामना भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है और भारत जल्द ही हिंदू राष्ट्र बन जाएगा।
25 पंडित करेंगे देखभाल
महंत बाबूगिरी महाराज ने बताया कि 25 पंडित दिन-रात जलने वाले दीपकों की देखभाल करेंगे। सभी श्रद्धालु नवरात्रि में सुख-समृद्धि के लिए अपने नाम का दीपक जला सकते हैं। सर्व समाज के लोगों की ओर से नवरात्रि भर 5100 अखंड दीप जलाए जाएंगे। इसके लिए करीब 800 टिन मूंगफली तेल का उपयोग किया जाएगा। दीपों को रूई की जगह रूई से बनी बाती का उपयोग कर जलाया जाएगा। देश, प्रदेश और भीलवाड़ा के लोगों की खुशहाली के लिए 21 पंडित नौ दिन तक दुर्गा सप्तशती का पाठ करेंगे।
नौ दिन तक जलाए जाएंगे 5100 अखंड दीप
सम्पूर्ण सनातन समाज की खुशहाली के लिए आयोजित किए जा रहे इस आयोजन के तहत लगातार नौ दिन तक 5100 अखंड दीप जलाए जाएंगे। नवरात्र के पहले दिन साधु-संतों व गणमान्य लोगों की मौजूदगी में हरिसेवा धाम स्थित पंडाल में विराजमान मां वैष्णो देवी के समक्ष पंडितों के मंत्रोच्चार के बीच दोपहर 12.15 बजे घट स्थापना के साथ ही अलग-अलग भक्तों के नाम से 5100 दीप जलाए जाएंगे। दिल्ली व आगरा से आए कलाकार मां वैष्णो देवी की गुफा व दरबार को सजाएंगे। माता रानी के भक्त दिनभर दरबार व अखंड जलते दीपों के दर्शन कर सकेंगे।
पूर्णाहुति पर 1100 कन्याओं का होगा पूजन
नवरात्रि के अंतिम दिन पूर्णाहुति पर मां वैष्णो देवी के दरबार में महामंडलेश्वर हंसराम महाराज व महंत बाबूगिरी महाराज की मौजूदगी में 1100 कन्याओं का पूजन किया जाएगा। पूजन के बाद उन्हें भोजन कराया जाएगा, चुनरी ओढ़ाई जाएगी तथा फल व दक्षिणा दी जाएगी।